CG Vidhan Sabha Chunav 2023: विधानसभा चुनाव से पहले TS Singh Deo ने दिखाए तल्ख तेवर, इशारों-इशारों में कह दी ये बात
विधानसभा चुनाव से पहले TS Singh Deo ने दिखाए तल्ख तेवर, इशारों-इशारों में कह दी ये बात! TS Singh deo Gives Big hint
अरुण सोनी के साथ अभिषेक सोनी, बलरामपुर: TS Singh deo Gives Big hint छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री टी एस सिंहदेव की पहचान एक शांत और सौम्य नेता की रही है। लेकिन पिछले दिनों उनके अपने इलाके सरगुजा में हुए एक सियासी कार्यक्रम में उनके तल्ख तेवर दिखाई दिए। उन्होंने बिना किसी का नाम लिए इशारों-इशारों में अपने सियासी विरोधियों पर तीखा हमला बोला। उनके इस तेवर के कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। आइए बताते हैं कि क्या है पूरा माजरा?
TS Singh deo Gives Big hint सहज, सौम्य और शांत स्वाभाव की छवि रखने वाले सिंहदेव के इन बदले तेवरों ने छत्तीसगढ़ की सियासत में नई चर्चाओं को जन्म दे दिया है। दरअसल सिंहदेव की ये तल्खी नजर आई उनके अपने इलाके सरगुजा के राजपुर में मौका था भेंट मुलाकात कार्यक्रम का। इस मौके पर उन्होंने इशारों-इशारों में रामानुजगंज विधायक बृहस्पत सिंह और सामरी विधायक चिंतामणि महाराज पर तीखा हमला बोला। इन दोनों के साथ सिंहदेव की पिछले कई दिनों से नाराजगी चल रही है। बृहस्पत सिंह के साथ तो कटुता इस हद तक बढ़ चुकी थी कि बृहस्पत सिंह सिंहदेव पर अपनी हत्या कराने तक की आशंका जाहिर कर चुके थे।
बृहस्पत सिंह के इस संगीन आरोप ने तब प्रदेश की सियासत में खलबली मचा दी थी। यहां तक कि टीएस सिंह के भतीजे वीरभद्र सिंह पर FIR भी दर्ज हुई थी। बाद में उनकी ट्रेन से गिरकर संदिग्ध परिस्थितियो में मौत भी हो गई थी। हालांकि बाद में केंद्रीय और प्रादेशिक नेतृत्व के हस्तक्षेप के बाद बृहस्पत सिंह और सिंहदेव के बीच कथित तौर पर समझौता हो गया था। लेकिन राजपुर की इस सभा में सिंहदेव ने साफ कर दिया कि वो कुछ भूले नहीं हैं।
सिंहदेव ने सामरी विधायक चिंतामणि को भी निशाने पर लिया। कभी चिंतामणि सिंहदेव के करीबियों में शुमार थे। लेकिन सियासी समीकरण बदले तो चिंतामणि ने भी पाला बदलते देर नहीं लगाई। सिंहदेव सामरी विधायक चिंतामणि को भी आइना दिखाना नहीं भूले।
सिंहदेव के मिजाज में दिखी ये तल्खी इस बात का साफ इशारा करती है उनके उपमुख्यमंत्री बन जाने के बाद भले ऑल इज वेल नजर आए लेकिन कटु अनुभवों की कसक और टीस अभी बाकी है। सिंहदेव ने पत्रकारों के सवालों के जवाब में अपनी इस नाकामी को संकेतों में कबूल किया भी। सियासत में वक्त और हालात के मुताबिक बयानों की अपने खास अहमियत होती है। सिंहदेव ने भी चुनाव से पहले अपने इन बयानों के जरिए साफ संदेश दे दिया है कि उनके इलाके में उनकी मर्जी ही चलने वाली है।

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