Publish Date - August 1, 2025 / 12:52 PM IST,
Updated On - August 1, 2025 / 12:52 PM IST
Wadrafnagar News/Image Source: IBC24
HIGHLIGHTS
वाड्रफनगर में फर्जी वन अधिकार पत्र मामला
20 हजार में बनवा रहे थे फर्जी पट्टे,
29 एकड़ वन भूमि बेचने वाला गिरोह पकड़ा गया
वाड्रफनगर/देवेश दुबे : Wadrafnagar News: वाड्रफनगर के मानिकपुर सर्किल में फर्जी वन अधिकार पत्र बनाने का एक मामला सामने आया है। इस संबंध में वन विभाग द्वारा चार लोगों के खिलाफ चलगली थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है जबकि एक अन्य फरार आरोपी की तलाश की जा रही है।
Wadrafnagar News: यह मामला उस समय सामने आया जब ग्रामीणों द्वारा विभाग को सूचना दी गई कि गांव के ही कुछ लोग 20 हजार रुपये लेकर फर्जी वन भूमि के पट्टे बना रहे हैं। सूचना के आधार पर वन विभाग ने मामले की जांच की जिसमें यह सामने आया कि चारों आरोपियों ने फर्जी सील बनाकर करीब 29 एकड़ वन भूमि के पट्टे तैयार किए और उन्हें अलग-अलग ग्रामीणों को बेच दिया।
Wadrafnagar News: जांच के उपरांत वन विभाग ने चलगली थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। उनके पास से तीन मोबाइल फोन, एक मोटरसाइकिल और 29 एकड़ की फर्जी वन भूमि के पट्टे बरामद किए गए हैं। मामले का मास्टरमाइंड अभी भी फरार है जिसकी तलाश पुलिस कर रही है।
फर्जी वन अधिकार पत्र एक नकली दस्तावेज होता है जो यह दर्शाने के लिए बनाया जाता है कि किसी व्यक्ति को कानूनी रूप से वन भूमि का मालिकाना हक प्राप्त है, जबकि वास्तव में ऐसा नहीं होता।
"फर्जी वन अधिकार पत्र" बनाने पर क्या सजा हो सकती है?
अगर कोई व्यक्ति फर्जी दस्तावेज तैयार करता है या उन्हें बेचता है, तो उस पर IPC की कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया जा सकता है, जिसमें धोखाधड़ी, जालसाजी और सरकारी संपत्ति की ठगी शामिल है। इसमें 3 से 7 साल तक की सजा हो सकती है।
क्या "फर्जी वन अधिकार पत्र" की पहचान करना संभव है?
हाँ, असली और नकली पट्टों की पहचान संबंधित वन विभाग के रिकॉर्ड और सील की प्रमाणिकता की जांच से की जा सकती है। नकली पत्रों में अक्सर दस्तावेजों में गड़बड़ी या गलत हस्ताक्षर होते हैं।
"फर्जी वन अधिकार पत्र" मामले में गिरफ्तार लोगों से क्या-क्या बरामद हुआ है?
पुलिस ने तीन मोबाइल फोन, एक मोटरसाइकिल और 29 एकड़ भूमि से जुड़े फर्जी पट्टे बरामद किए हैं। साथ ही मुख्य आरोपी अभी फरार है।
आम लोग "फर्जी वन अधिकार पत्र" से कैसे बच सकते हैं?
अगर आप किसी भूमि का सौदा कर रहे हैं तो संबंधित राजस्व या वन विभाग से दस्तावेजों की प्रमाणिकता की जांच जरूर करवाएं। किसी भी अनधिकृत एजेंट या संदिग्ध स्रोत से दस्तावेज न खरीदें।