Bastar Royal Wedding : बस्तर के राजमहल से 107 साल बाद निकली बारात, रियासत की नई रानी को लेने हाथी पर सवार होकर निकले राजा कमलचंद भंजदेव
बस्तर के राजमहल में 107 साल बाद निकली बारात...Bastar Royal Wedding: After 107 years, a wedding procession took place in the royal palace
Bastar Royal Wedding | IBC24
- बस्तर रियासत के राजा कमलचंद भंजदेव की हो रही है शादी
- राजमहल में 100 सालों बाद हो रही है शादी
- नागौद की राजकुमारी से हो रही है शादी
जगदलपुर : Bastar Royal Wedding : बस्तर राजपरिवार ने एक ऐतिहासिक क्षण का साक्षी बनते हुए बस्तर स्टेट के राजा कमलचंद भंजदेव के विवाह समारोह का आयोजन किया। यह आयोजन 107 वर्षों के बाद बस्तर राजमहल परिसर में संपन्न हुआ। कमलचंद भंजदेव का विवाह सतना के नागौद की राजकुमारी भुवनेश्वरी देवी के साथ हुआ है।
ऐतिहासिक विवाह समारोह
Bastar Royal Wedding : शुक्रवार की शाम विशेष चार्टर्ड विमान से महाराजा कमलचंद भंजदेव अपनी नवविवाहित महारानी भुवनेश्वरी देवी के साथ जगदलपुर पहुंचे। एयरपोर्ट से शाही बग्गी में सवार होकर राजमहल तक का सफर तय किया गया, जहां पूरे शहर ने उनका भव्य स्वागत किया। शाही बारात में हाथी, घोड़े, ऊंट शामिल थे, जबकि आदिवासी पारंपरिक नृत्य करते हुए बारात में झूमते नजर आए। इस मौके पर राजमहल में दो सिंहासन भी सजाए गए, जहां देशभर के विभिन्न राजघरानों के अतिथियों के लिए विशेष दावत आयोजित की गई। महाराजा कमलचंद भंजदेव ने जनता का अभिवादन स्वीकार करते हुए सभी का धन्यवाद किया।
राजपरिवार और ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
Bastar Royal Wedding : कमलचंद भंजदेव बस्तर रियासत के मौजूदा युवराज हैं। उन्होंने लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से पॉलिटिकल साइंस में पोस्ट ग्रेजुएशन किया है और इंटरनेशनल बिजनेस की भी पढ़ाई की है। वर्ष 2010 में भारत लौटकर उन्होंने अपने पूर्वजों की विरासत को संभाला। उन्हें बस्तर में काकतीय राजवंश के 23वें राजा के रूप में मान्यता प्राप्त है। उनके पिता प्रवीरचंद्र भंजदेव को बस्तर के अंतिम राजा का दर्जा मिला है और उन्हें आज भी भगवान की तरह पूजा जाता है। बस्तर रियासत की स्थापना 14वीं शताब्दी में काकतीय वंश के अंतिम शासक प्रतापरूद्र द्वितीय के भाई अन्नामराज ने की थी। बस्तर के 20वें महाराज प्रवीरचंद्र भंजदेव 1936 में राजा बने और वे सबसे लोकप्रिय एवं प्रसिद्ध शासक थे। उन्होंने बाहरी लोगों द्वारा बस्तर भूमि पर हो रहे अतिक्रमण को रोकने के लिए आदिवासी आंदोलन का नेतृत्व किया था।
आशीर्वाद समारोह
Bastar Royal Wedding : शनिवार को होने वाले आशीर्वाद समारोह में प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और उनका मंत्रिमंडल भी शामिल होने वाला है। यह आयोजन बस्तर के शाही इतिहास को पुनः जीवंत करने वाला क्षण साबित हुआ है।

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