Chhattisgarh Hospital Privatization: छत्तीसगढ़ के इस बड़े सुपर स्पेशलिटी अस्पताल का निजीकरण.. टेंडर प्रक्रिया पूरी, PM मोदी ने किया था लोकार्पण
आजादी के बाद से बस्तर में स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी एक गंभीर मुद्दा रहा है, और यह हमेशा चुनावी बहस का विषय भी बना रहा है। हालांकि, उद्घाटन के बाद से कर्मचारियों और डॉक्टरों की नियुक्ति न होने के कारण अस्पताल के संचालन में देरी हो रही थी। अब सरकार ने इसे निजी संस्था के हवाले करने के निर्णय पर अंतिम मुहर लगा दी है।
Chhattisgarh Hospital Privatization News || Image- IBC24 News File
- बस्तर सुपर स्पेशलिटी अस्पताल निजी संस्था को सौंपा, संचालन मार्च तक शुरू होगा
- डॉक्टरों की कमी से बस्तर अस्पताल निजी हाथों में, सरकार रखेगी पूर्ण नियंत्रण
- प्रधानमंत्री द्वारा उद्घाटित बस्तर अस्पताल अब निजी संस्था द्वारा संचालित होगा
Chhattisgarh Hospital Privatization News: जगदलपुर: बस्तर संभाग का इकलौता सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल अब निजी संस्था द्वारा संचालित किया जाएगा। प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री ने जानकारी दी कि इसके लिए टेंडर की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है, लेकिन आचार संहिता के चलते अस्पताल के संचालन की शुरुआत में मार्च तक का वक्त लग सकता है। विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी के कारण छत्तीसगढ़ सरकार ने इसे निजी हाथों में सौंपने का निर्णय लिया है। स्वास्थ्य मंत्री ने स्पष्ट किया कि पूरा नियंत्रण सरकार के पास रहेगा, लेकिन डॉक्टरों की कमी को देखते हुए यह कदम उठाया गया है।
PM मोदी ने किया था लोकार्पण
गौरतलब है कि इस सात मंजिला सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल का उद्घाटन 29 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था। इसका निर्माण केंद्र सरकार की योजना के तहत किया गया, जिसमें कुल 232.73 करोड़ रुपये की लागत आई। इस राशि में 60% हिस्सा केंद्र सरकार ने दिया था, जबकि शेष 40% राज्य सरकार ने वहन किया।
Chhattisgarh Hospital Privatization News: इस अस्पताल में सिटी स्कैन, कार्डियोलॉजी मशीन, डिजिटल एक्स-रे मशीन पहले ही लगाई जा चुकी हैं, और करीब 100 करोड़ रुपये की लागत से अन्य आधुनिक चिकित्सा उपकरण भी लगाए जाएंगे। इसके माध्यम से किडनी, लिवर और न्यूरोलॉजिकल बीमारियों का उन्नत इलाज संभव हो सकेगा।
आजादी के बाद से बस्तर में स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी एक गंभीर मुद्दा रहा है, और यह हमेशा चुनावी बहस का विषय भी बना रहा है। हालांकि, उद्घाटन के बाद से कर्मचारियों और डॉक्टरों की नियुक्ति न होने के कारण अस्पताल के संचालन में देरी हो रही थी। अब सरकार ने इसे निजी संस्था के हवाले करने के निर्णय पर अंतिम मुहर लगा दी है।
“पूरे नियंत्रण के साथ सरकार इसे संचालित करेगी, लेकिन डॉक्टरों की कमी को देखते हुए निजी संस्था के माध्यम से इसे बेहतर रूप से चलाने का निर्णय लिया गया है।” -श्याम बिहारी जायसवाल, स्वास्थ्य मंत्री, शासन

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