Reported By: Naresh Mishra
,Jagdalpur News/ Image Credit: IBC242
जगदलपुर। Jagdalpur News: बस्तर की प्राणदायनी इंद्रावती नदी गर्मी की शुरुआत के साथ ही सूखने लगी है। चित्रकूट जलप्रपात की धारा कम हो गई है और शहर की बसाहटों के लिए पर्याप्त पानी नदी में उपलब्ध नहीं है। लंबे समय से छत्तीसगढ़ और उड़ीसा के बीच इंद्रावती नदी जल विवाद चल रहा है। दरअसल, इंद्रावती नदी उड़ीसा के नजदीक अपने सहायक जोरा नाला में धीरे-धीरे डायवर्ट होकर समाती जा रही है।
बता दें कि, रिवर पायरेसी का यह देश में पहला मामला है जिसमें नदी अपना मूल प्रवाह बदलकर अपने सहायक नाले में समाती जा रही है। जिसके चलते बस्तर को अपने हिस्से का पानी नहीं मिल रहा है। 2003 में हुए समझौते के बाद केंद्रीय जल आयोग के निर्देश पर इस विवाद को सुलझाने के लिए विवादित स्थल पर 49 करोड़ रुपए की लागत से स्ट्रक्चर बनाया गया था। साल 2016 में यह स्ट्रक्चर पूरा हुआ और दावा किया गया कि, अब इंद्रावती जल विवाद का समाधान हो गया है,लेकिन हुआ कुछ नहीं तय यह हुआ कि, विवादित स्थल पर छत्तीसगढ़ और उड़ीसा को 50-50 प्रतिशत पानी मिलना चाहिए, लेकिन यह स्ट्रक्चर भी अब फेल हो गया है।
Jagdalpur News: वहीं जिस जगह स्ट्रक्चर बनाया गया था वहां पर रेत के बड़े टीले बन चुके हैं और स्ट्रक्चर भी इन सैंड डिपाजिट के नीचे दब गया है और नदी अपने मुख्य प्रवाह को बदलकर फिर जोरानाला की तरफ जा रही है मौके पर फिलहाल समझौते से विपरीत केवल 17% पानी इंद्रावती नदी के जरिए बस्तर तक आ रहा है यह हाल तब है जब फरवरी का आखिरी महीना है गर्मियां अभी बाकी हैं और ऐसे में जल संकट बस्तर में दस्तक दे रहा है।