छत्तीसगढ़ सरकार की पुलिस व सुरक्षा बल केवल सुरक्षा ही नहीं प्रदान की है बल्कि अंदरूनी क्षेत्रों में विकास की एक लहर खिला दी है। इसका सीधा उदाहरण जो है जिले में देखने को मिलता है जहां सुरक्षा केंद्र खुलने के बाद से ही वहां की स्थिति बदली है।
पिछले 3 सालों में सुरक्षा केंद्रों के खुलने के बाद आज रेल लाइन अंतागढ़ तक पहुंच चुकी है और पैसेंजर ट्रेन का परिचालन भी शुरु हो चुका है। ग्रमीण क्षेत्र में पैसेंजर की संख्या बढ़ी है और नई ट्रेन चलाने की मांग लगतार चलती आ रही है। इतना ही नहीं इसी साल के अंदर अंतागढ़ से तडोकी तक रेल का परिचालन शुरू किया जाना है और जल्द ही रावघाट तक भी ट्रेन का परिचालन चालू हो जायेगा। ग्रामीण क्षेत्रो में रेल का परिचालन शुरू होने से वहां के लोगो का रोजगार के अवसर भी मिल रहे है। वही सुरक्षा बल के जवानों ने सड़क निर्माण में भी अपनी सहभागिता निभाई है।
Read more : Bejod Bastar: लाल आतंक के साए के बीच आसान हुआ ग्रामीणों का जीवन, सड़कों के निर्माण ने लिखी विकास की नई इबारत
आजादी के बाद से जिले के कई गांव में पुल व सड़क नही था जो आज चार सालों में बनकर तैयार हो चुका है। जिसका उदहारण है कोयलीबेड़ा से पखांजुर मार्ग का निर्माण। दो बड़े पुल भी बनकर तैयार हो चुके है। ज्ञात हो कि ये क्षेत्र नक्सलियों के आतंक का गढ़ माना जाता था और आज जिले की तस्वीर बदल चुकी है नक्सली भी अब बैकफुट पर जा चुके है। वही बरसात के दिनों में ब्लॉक मुख्यालय से कट जाने वाले गावों में भी पुल पुलिया और सड़क का निर्माण हो चुका है।
जिले के एसपी शलभ सिन्हा भी मानते हैं कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशा के अनुसार समग्र विकास योजना के तहत लगातार काम हो रहा है। इसमें इनका सीधा उद्देश्य ही है कि कैंप खुलने के बाद जो पुलिस की सोच है कि सुरक्षा विश्वास और विकास तीनो चीजें देखने को मिल रही है। सुरक्षा केम्प खुलने के बाद से से ग्रामीणों को सुरक्षा प्रदान करने के साथ ग्रमीण क्षेत्रो के विकास कार्यो में अपनी सहभागिता निभा रहे है। इसको देखते हुए जो पहले सुरक्षा बलो के प्रति लोगों की सोच थी वो अब बदली है और उसका जो परिणाम है वह देखने को मिल रहा है।
Read more : विधायकों की बढ़ने जा रही सैलेरी, जानें अभी तक कितना मिलता था वेतन, 7 साल बाद मिलने जा रही बड़ी सौगात
लगातार पुलिस से जुड़ रहे हैं और उस क्षेत्र के विकास में पुलिस का साथ देने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। वही मनवा नवानार बस्तर पुलिस की जो सोच है इस पर यह काम चल रहा है। छत्तीसगढ़ कि प्रदेश सरकार की इच्छा के अनुरूप जो कार्य किया जा रहा है। कोयलीबेड़ा से पखांजुर की लगभग 100 किलोमीटर की दूरी अब लोगों को कम पड़ रही है। 30 से 40 गांव जो बरसात के दिनों में टापू बन जाते थे आज वहां पहुंच मार्ग व पुल पुलिया बन चुका है। सुरक्षा बलों की मेहनत का ही परिणाम है कि जो वहां पर सड़क बनी है। बरसात के दिनों में भी आसानी से आना-जाना वहां के ग्रामीण लोग कर पा रहे हैं।
रावघाट रेल लाइन की शुरुआत होने के साथ ही क्षेत्र के लोगों को फायदा भी होने लगा है और कई लोगों को रोजगार भी मिला है। यात्री ट्रेन चलने से क्षेत्र के यात्रियों को तो फायदा हो ही रहा है। जिसके साथ व्यापारियों को भी फायदा मिल रहा है। स्थानीय महिलाओं छात्राओं का भी कहना है कि अब इन्हें कोई डर नही लगता है रेलवे स्टेशन हो या रेलगाड़ी, चौबीसों घंटे एसएसबी के जवान सुरक्षा में तैनात रहते है।
छत्तीसगढ़ की तीन लोकसभा सीटों पर 11 बजे तक 35…
32 mins ago