Bijapur Naxal Surrender News: बीजापुर में लाल आतंक को बड़ा झटका, डिप्टी कमांडर समेत 24 नक्सलियों ने किया सरेंडर, 87.5 लाख का था इनाम

बीजापुर में लाल आतंक को बड़ा झटका...Bijapur Naxal Surrender News: Big blow to red terror in Bijapur, 24 Naxalites including deputy commander

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Modified Date: May 23, 2025 / 05:57 PM IST
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Published Date: May 23, 2025 5:54 pm IST
HIGHLIGHTS
  • लाल आतंक को एक और बड़ा झटका,
  • 24 नक्सलियों ने किया सरेंडर,
  • 87.5 लाख के इनामी माओवादियों ने छोड़ा हिंसा,

बीजापुर: Bijapur Naxal Surrender News:  छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले से एक बड़ी और राहत देने वाली खबर सामने आई है। नक्सल प्रभावित इस क्षेत्र में सुरक्षा बलों की लगातार कार्रवाई और चलाये जा रहे अभियान का असर अब साफ दिखाई दे रहा है। एक बार फिर बीजापुर में 24 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में लौटने का निर्णय लिया। इनमें से कई कुख्यात और हार्डकोर माओवादी शामिल हैं जिन पर कुल 87.5 लाख रुपये का इनाम घोषित था।

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Bijapur Naxal Surrender News:  आत्मसमर्पण करने वालों में कंपनी नंबर-2 का डिप्टी कमांडर राकेश भी शामिल है जिस पर सरकार ने 10 लाख रुपये का इनाम घोषित किया था। राकेश के साथ-साथ अन्य सरेंडर करने वाले माओवादी विभिन्न मुठभेड़ों, आईईडी ब्लास्ट, अपहरण और पुलिस पर हमले जैसी घटनाओं में सक्रिय भूमिका निभा चुके हैं।

बीजापुर में कितने नक्सलियों ने "आत्मसमर्पण" किया है?

बीजापुर जिले में कुल 24 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है।

क्या आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों पर "इनाम" था?

हाँ, आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों पर कुल 87.5 लाख रुपये तक का इनाम घोषित था। इनमें डिप्टी कमांडर राकेश पर अकेले 10 लाख रुपये का इनाम था।

आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों पर किस तरह के "आपराधिक आरोप" थे?

ये नक्सली मुठभेड़ों, आईईडी ब्लास्ट, अपहरण और पुलिस पर हमलों जैसे गंभीर मामलों में शामिल थे।

सरकार आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को क्या "पुनर्वास योजनाएं" देती है?

सरकार की नीति के तहत आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को पुनर्वास सहायता, सुरक्षा, रोजगार प्रशिक्षण और समाज में पुनः शामिल होने के लिए सहयोग दिया जाता है।

बीजापुर नक्सली आत्मसमर्पण की यह "घटना" कितनी महत्वपूर्ण है?

यह घटना नक्सल प्रभावित क्षेत्र में शांति बहाली और सुरक्षा बलों की सफलता का प्रतीक है। इससे अन्य माओवादियों को भी मुख्यधारा से जुड़ने के लिए प्रेरणा मिल सकती है।