Mukesh Chandrakar Murder Case: कमरा नंबर 11 में हुई थी पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या.. जी-मेल पर अपडेट लोकेशन से पुलिस पहुंची थी सुरेश के घर..
पुलिस ने रितेश चंद्राकर को रायपुर एयरपोर्ट पर टोल टैक्स के सीसीटीवी फुटेज के आधार पर गिरफ्तार किया। सुरेश चंद्राकर को हैदराबाद से पकड़ा गया। जांच में यह भी पता चला कि सुरेश ने घटना से चार दिन पहले अपने बैंक खाते से बड़ी रकम निकाली थी। हत्या के बाद आरोपियों ने मुकेश के मोबाइल को तुमनार नदी के पास फेंक दिया, ताकि उसकी आखिरी लोकेशन नदी के पास दिखे।
Mukesh Chandrakar Murder Case SIT Press Note | Image- IBC24 News File
Mukesh Chandrakar Murder Case SIT Press Note : बीजापुर: जिले में बहुचर्चित पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या के मामले में विशेष जांच दल (एसआईटी) ने एक महत्वपूर्ण प्रेसनोट जारी किया है। इस प्रेसनोट में पूरी घटना का सिलसिलेवार विवरण दिया गया है।
गुमशुदगी की रिपोर्ट और शुरुआती जांच
1 जनवरी की शाम, मुकेश चंद्राकर के भाई युकेश चंद्राकर ने उनके लापता होने की रिपोर्ट दर्ज कराई। मुकेश के फोन की लोकेशन लगातार बदल रही थी। बाद में युकेश ने जीमेल पर अपडेट हुई लोकेशन की जानकारी पुलिस को दी, जो चट्टानपारा स्थित एक बाड़े की थी।
पुलिस ने पत्रकारों के साथ मिलकर बाड़े की जांच की। बाड़े में मजदूरों के 17 कमरे थे, जिन पर ताले लगे हुए थे। इन कमरों को खोलने के लिए बाड़े के मालिक सुरेश चंद्राकर को बुलाया गया। सभी कमरों की तलाशी ली गई, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला।
सैप्टिक टैंक की संदिग्धता
पुलिस को बाड़े में बने नए सैप्टिक टैंक पर शक हुआ। जब इसकी छत के बारे में पूछा गया, तो सुरेश चंद्राकर ने इसे बाथरूम के रिनोवेशन का हिस्सा बताया। सुरेश ने यह भी कहा कि उसका अपने भाई रितेश चंद्राकर से दो साल से कोई संपर्क नहीं है।
कॉल डिटेल्स और लोकेशन से खुलासा
मुकेश के कॉल डिटेल्स की जांच में पता चला कि उसके आखिरी दो कॉल रितेश चंद्राकर से आए थे। तकनीकी सबूतों के आधार पर पुलिस ने रितेश और उसके भाई दिनेश चंद्राकर को ढूंढना शुरू किया। 3 जनवरी की सुबह जानकारी मिली कि दिनेश चंद्राकर बीजापुर अस्पताल में भर्ती है।
Mukesh Chandrakar Murder Case SIT Press Note : दिनेश से पूछताछ के दौरान उसने शुरुआत में किसी जानकारी से इनकार किया। लेकिन तीन घंटे की पूछताछ और कॉल डिटेल्स के दबाव में उसने कुबूल किया कि रितेश और महेंद्र रामटेके ने मिलकर मुकेश की हत्या की है।
हत्या की योजना और साजिश
दिनेश ने बताया कि रितेश और महेंद्र ने लोहे की रॉड से मारकर मुकेश की हत्या की। हत्या के बाद सबूत मिटाने के लिए उन्होंने शव को सैप्टिक टैंक में डालकर फ्लोरिंग कर दी। दिनेश ने यह भी स्वीकार किया कि उसने रॉड, कपड़े और मोबाइल को ठिकाने लगाने में मदद की। महेंद्र रामटेके को पुलिस ने नए बस स्टैंड के पास से गिरफ्तार किया, जिसने पूछताछ में अपना जुर्म कबूल कर लिया।
हत्या का मकसद
जांच में यह सामने आया कि मुकेश चंद्राकर एनडीटीवी के पत्रकार थे और सुरेश चंद्राकर के ठेके के खिलाफ रिपोर्टिंग कर रहे थे। इस वजह से उनके ठेके की जांच शुरू हो गई थी। सुरेश ने अपने भाई रितेश और सुपरवाइजर महेंद्र के साथ मिलकर मुकेश को मारने की साजिश रची।
आरोपियों की गिरफ्तारी
Mukesh Chandrakar Murder Case SIT Press Note : पुलिस ने रितेश चंद्राकर को रायपुर एयरपोर्ट पर टोल टैक्स के सीसीटीवी फुटेज के आधार पर गिरफ्तार किया। सुरेश चंद्राकर को हैदराबाद से पकड़ा गया। जांच में यह भी पता चला कि सुरेश ने घटना से चार दिन पहले अपने बैंक खाते से बड़ी रकम निकाली थी। हत्या के बाद आरोपियों ने मुकेश के मोबाइल को तुमनार नदी के पास फेंक दिया, ताकि उसकी आखिरी लोकेशन नदी के पास दिखे। इस मामले में महाराष्ट्र, तेलंगाना और ओडिशा पुलिस ने भी मदद की। पुलिस का कहना है कि आरोपियों ने घटना को अंजाम देने की योजना चार-पांच दिन पहले ही बना ली थी। फिलहाल सभी आरोपियों को हिरासत में लेकर विस्तृत जांच जारी है।

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