CG News: स्कूलों में प्राचार्य पद पर पदोन्नति के लिए बीएड डिग्री अनिवार्य या नहीं.., बिलासपुर हाईकोर्ट ने की सुनवाई

Bilaspur High Court on promotion: प्राचार्य पदोन्नति के लिए बीएड की डिग्री को अनिवार्य किया जाय या नहीं..? इस पर याचिकाकर्ता अखिलेश कुमार त्रिपाठी के अधिवक्ता और हस्तक्षेपकर्ता अधिवक्ता आलोक बख्शी ने अपना पक्ष रखा।

CG News: स्कूलों में प्राचार्य पद पर पदोन्नति के लिए बीएड डिग्री अनिवार्य या नहीं.., बिलासपुर हाईकोर्ट ने की सुनवाई

Bilaspur High Court on promotion, image source: ibc24

Modified Date: March 26, 2025 / 07:36 pm IST
Published Date: March 26, 2025 7:32 pm IST
HIGHLIGHTS
  • अगली सुनवाई की तिथि 16 अप्रैल निर्धारित
  • बीएड डिग्री धारक लेक्चरर को ही प्रिंसिपल के पद पर पदोन्नति देने की मांग
  • प्राचार्य प्रशासनिक पद है, व्याख्याता शैक्षणिक पद

बिलासपुर: Bilaspur High Court on promotion, छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में प्राचार्य पदोन्नति के प्रकरण पर चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा और जस्टिस रविन्द्र कुमार अग्रवाल की डिवीजन बेंच में सुनवाई हुई। प्राचार्य पदोन्नति के लिए बीएड की डिग्री को अनिवार्य किया जाय या नहीं..? इस पर याचिकाकर्ता अखिलेश कुमार त्रिपाठी के अधिवक्ता और हस्तक्षेपकर्ता अधिवक्ता आलोक बख्शी ने अपना पक्ष रखा।

वहीं शासन की ओर से अतिरिक्त महाअधिवक्ता यशवंत ठाकुर ने उपस्थित होकर अपना पक्ष रखा। चीफ जस्टिस ने सभी पक्षों को सुनने के बाद कहा कि सभी पक्ष अपना रिजॉइंडर जो आवश्यक हो उसे सबमिट कर दें। और अगली सुनवाई की तिथि 16 अप्रैल निर्धारित करते हुए शासन को कहा तब तक पदोन्नति आदेश जारी न करें।

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बीएड डिग्री धारक लेक्चरर को ही प्रिंसिपल के पद पर पदोन्नति देने की मांग

Bilaspur High Court on promotion, दरअसल याचिकाकर्ता व्याख्याता अखिलेश त्रिपाठी ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से बिलासपुर हाई कोर्ट में याचिका दायर कर लेक्चरर से प्रिंसिपल के पद पर पदोन्नति के लिए बीएड डिग्री की अनिवार्यता रखने और बीएड डिग्री धारक लेक्चरर को ही प्रिंसिपल के पद पर पदोन्नति देने की मांग की है। याचिकाकर्ता की इस याचिका के बाद प्राचार्य पदोन्नति फोरम की ओर से व्याख्याता लूनकरण ठाकुर ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से हस्तक्षेप याचिका दायर की। हाई कोर्ट ने हस्तक्षेप याचिका को सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया है।

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प्राचार्य पदोन्नति फोरम की ओर से व्याख्याता लूनकरण ठाकुर ने सीनियर एडवोकेट आलोक बख्शी के माध्यम से बिलासपुर हाई कोर्ट में हस्तक्षेप याचिका दायर की है। दायर याचिका में नियमों को लेकर जानकारी दी है। हस्तक्षेप याचिका में कहा है कि प्राचार्य प्रशासनिक पद है, व्याख्याता शैक्षणिक पद है। वहीं अब इस पूरे मामले में 16 अप्रैल 2025 को सुनवाई निर्धारित की गई है।


सामान्यतः पूछे जाने वाले प्रश्नः

लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com