Kiranmayee Nayak Statement: “महिलाएं भी कर रही हैं गंभीर अपराध, पतियों की हत्या तक में संलिप्त”, राजा रघुवंशी हत्याकांड पर राज्य महिला आयोग अध्यक्ष किरणमयी नायक का बड़ा बयान
महिलाएं भी कर रही हैं गंभीर अपराध, पतियों की हत्या तक में संलिप्त...Kiranmayee Nayak Statement: Raja Raghuvanshi murder case on State Women
Kiranmayee Nayak Statement | Image Source | IBC24
- बिलासपुर में महिला आयोग की जनसुनवाई
- बिलासपुर में 31 मामलों पर हुई सुनवाई,
- किरणमयी नायक ने महिलाओं के अपराध पर दिया बयान
बिलासपुर: Kiranmayee Nayak Statement: छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष किरणमयी नायक सोमवार को बिलासपुर पहुंचीं जहां उन्होंने आयोग द्वारा आयोजित जनसुनवाई कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस दौरान उन्होंने कुल 31 मामलों की सुनवाई की और कई संवेदनशील प्रकरणों पर अहम फैसले लिए।
Kiranmayee Nayak Statement: जनसुनवाई के दौरान एक ऐसा मामला सामने आया जिसमें एक युवक ने फर्जी पुलिस आरक्षक बनकर एक महिला से विवाह कर लिया था। आयोग के हस्तक्षेप से इस मामले में दोनों पक्षों के बीच सुलहनामा कराया गया। वहीं एक अन्य मामला एक शिक्षक से जुड़ा था जो अपनी पत्नी और बच्चों को छोड़कर किसी अन्य महिला के साथ रह रहा था। किरणमयी नायक ने इस पर सिविल सेवा नियमों के उल्लंघन का हवाला देते हुए उसके निलंबन की अनुशंसा की।
Kiranmayee Nayak Statement: मीडिया से बातचीत में किरणमयी नायक ने सोनम रघुवंशी केस का हवाला देते हुए कहा कि अपराध केवल पुरुष ही नहीं करते महिलाएं भी दोषी हो सकती हैं। इसलिए महिला जेलों की व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि हाल के वर्षों में कई महिलाएं बदले की भावना से गंभीर अपराधों में लिप्त हो रही हैं। कुछ मामलों में तो पत्नियों द्वारा ही पतियों की हत्या किए जाने की घटनाएं सामने आई हैं। इसके पीछे उन्होंने बढ़ती अपेक्षाएं जबरन शादियां और सामाजिक दबाव को बड़ी वजह बताया।
Kiranmayee Nayak Statement: लव जिहाद जैसे मुद्दे पर पूछे गए सवाल पर उन्होंने स्पष्ट किया कि अब तक आयोग में लव जिहाद का कोई मामला सामने नहीं आया है। हां अंतरधार्मिक विवाहों के मामले जरूर आते हैं जिनकी नियमों के अनुसार सुनवाई की जाती है। जब पुरुषों के लिए अलग कानून न होने पर सवाल किया गया तो उन्होंने स्वीकारा कि और कहा की यह सच है कि पुरुषों के लिए अलग कानून नहीं है लेकिन ऐसा नहीं है कि उन्हें कोई कानूनी सहायता नहीं मिलती।

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