CG Teachers Salary Latest Update| Photo Credit: IBC24 File Image
CG Teachers Salary Latest Update: बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के शिक्षकों को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। जी हां, शिक्षकों के क्रमोन्नत वेतनमान का रास्ता साफ हो गया है। राज्य शासन की ओर से दायर स्पेशल लीव पिटीशन (SLP) को खारिज कर दिया है। बता दें कि, जस्टिस AS ओका और उज्ज्वल भुयन की खंडपीठ ने यह निर्णय सुनाया है।
जानकारों का कहना है कि आने वाले समय में इस फैसले का लाभ 70 हजार से अधिक शिक्षकों को मिल सकता है। बता दें कि, सुप्रीम कोर्ट में यह याचिका छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के खंडपीठ के फैसले के विरुद्ध थी, जिसमें छत्तीसगढ़ सरकार को प्रतिवादी सोना साहू के वेतनमान में उन्नयन के कारण उत्पन्न बकाया राशि का भुगतान करने का निर्देश दिया गया था। सोना साहू ने बिना पदोन्नति के 10 वर्षों से अधिक समय तक सहायक शिक्षक के रूप में सेवा की थी।
सर्वोच्च न्यायालय ने छत्तीसगढ़ राज्य के इस तर्क पर विचार करने से इनकार कर दिया कि सोना साहू आश्वस्त वृत्ति विकास/क्रमोन्नति वेतनमान प्राप्त करने की हकदार नहीं हैं क्योंकि उन्होंने 7 वर्ष पूरा करने पर समय वेतनमान प्राप्त किया था। माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने प्रतिवादी संख्या 1 के इस तर्क को स्वीकार किया कि 2013 में वेतनमान के संशोधन के बहाने राज्य द्वारा समय वेतनमान का लाभ वापस ले लिया गया था, और उन्हें 10 वर्षों तक कोई उन्नयन प्राप्त नहीं हुआ था।
सर्वोच्च न्यायालय ने इस बात पर भी विचार किया कि सामान्य प्रशासन विभाग के 2017 के आदेश के अनुसार, 10 वर्ष की सेवा पूरी करने वाले सभी शिक्षकों को क्रमोन्नति वेतनमान का लाभ प्रदान करना उन शिक्षकों पर भी लागू होता है जिन्हें पंचायत विभाग से स्कूल शिक्षा विभाग में समाहित किया गया है। दोनों पक्षों के तर्कों पर विचार करने के बाद, सर्वोच्च न्यायालय ने छत्तीसगढ़ राज्य द्वारा दायर विशेष अनुमति याचिका को स्वीकार करने से इनकार कर दिया और छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के फैसले को बरकरार रखा।
CG Teachers Salary Latest Update: बताया जाता है कि सोना साहू ने पंचायत विभाग से अपनी बकाया राशि प्राप्त कर ली है, लेकिन स्कूल शिक्षा विभाग से उनकी बकाया राशि अभी भी लंबित है। उक्त बकाया राशि प्राप्त करने के लिए साहू ने छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के समक्ष अवमानना याचिका दायर की है। न्यायालय ने स्कूल शिक्षा विभाग के संबंधित सचिव को 19 मार्च 2025 को न्यायालय में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित रहने का निर्देश दिया है।