सदन में सवाल.. सड़क पर बवाल! विपक्ष की सदन से लेकर सड़क तक ये घेराबंदी कितनी कामयाब रही?

विपक्ष की सदन से लेकर सड़क तक ये घेराबंदी कितनी कामयाब रही? BJP demonstrated fiercely by taking to the streets of the capital

सदन में सवाल.. सड़क पर बवाल! विपक्ष की सदन से लेकर सड़क तक ये घेराबंदी कितनी कामयाब रही?
Modified Date: November 29, 2022 / 08:53 pm IST
Published Date: July 26, 2022 11:06 pm IST

(रिपोर्टः स्टार जैन) रायपुरः BJP demonstrated fiercely  मंगलवार को विपक्षी भाजपा ने राजधानी की सड़कों पर उतरकर बिगड़ती कानून व्यवस्था का आरोप लगाते हुए जमकर प्रदर्शऩ किया। बीजेपी जिला इकाई के आह्वान पर सैंकड़ों नेता-कार्यकर्ताओँ ने विधानसभा घेराव के लिए कूच किया। हालांकि पुलिस ने भी तगड़ा इंतजाम कर रखा था। जिसके चलते भाजपा विधानसभा का घेराव नहीं कर पाई, लेकिन विपक्ष ने ये संकेत दे दिया कि अब वो अगले साल विधानसभा चुनाव से पहले, सरकार को घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ने वाले। इस प्रदर्शन के चलते राजधानी वासियों को काफी दिक्कतों का भी सामना करना पड़ा। अब सवाल ये कि विपक्ष की सदन से लेकर सड़क तक ये घेराबंदी, कितनी कामयाब रही।

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BJP demonstrated fiercely  राज्य सरकार को घेरते हुए, भाजपा की जिला इकाई ने विधानसभा का घेराव की कोशिश की। पुलिस ने भी ए जगह-जगह बैरिकेटिंग कर प्रदर्शऩकारियों को आगे बढ़ने से रोका जिसमें कई बार झूमाझटकी के हालात बने। भाजपा नेताओं का आरोप है कि प्रदेश में अपराधी बेलगाम हो गये हैं। राजधानी में अनाचार, छुरेबाजी, लूट, हत्या जैसी घटनाएं रोजाना की बात हो गई हैं, हर तरह का सुलभ मिलता नशा इसकी वजह है। जिसपर सरकार का कोई कंट्रोल नहीं दिखता।

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इधर, कांग्रेस ने भाजपा के इस आंदोलन को दिखावा बताते हुए कहा कि राज्य में कानून-व्यवस्था बेहतर है। मंत्री शिव डहरिया ने उल्टे भाजपा को घेरते हुए, उनका बीते 15 साल का कार्यकाल याद दिलाया। काफी समय के बाद सदन से लेकर सड़क तक विपक्ष ने सरकार को प्रदेश में बिगड़ती कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर जमकर घेरने की कोशिश की। विपक्ष के सावलों और तेवर को भले ही सत्तापक्ष ने दिखावा और बेवजह करार दिया हो लेकिन आने वाले वक्त में विपक्ष के ये तीखे तेवल सरकार के लिए क्या वाकई चुनौती बनेगें , ये बड़ा सवाल है ?

 


लेखक के बारे में

सवाल आपका है.. पत्रकारिता के माध्यम से जनसरोकारों और आप से जुड़े मुद्दों को सीधे सरकार के संज्ञान में लाना मेरा ध्येय है। विभिन्न मीडिया संस्थानों में 10 साल का अनुभव मुझे इस काम के लिए और प्रेरित करता है। कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रानिक मीडिया और भाषा विज्ञान में ली हुई स्नातकोत्तर की दोनों डिग्रियां अपने कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ने के लिए गति देती है।