रायपुरः छत्तीसगढ़ में इस साल जनता को अगले 5 सालों के लिए अपना रहनुमा चुनना है। लिहाजा कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही जनता की अदालत में जाने के लिए तैयार हैं। कांग्रेस ने ऐलान किया है कि वो 15 साल बीजेपी सरकार की नाकामी और 5 साल की अपने सरकार की उपलब्धियों को लेकर जनता के बीच जाएगी। इस पर भाजपा ने भी कांग्रेस सरकार की नाकामी और वादखिलाफी गिनाने का ऐलान कर दिया है।
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छत्तीसगढ़ में इस साल आपको राजनीति के हर रंग देखने को मिलेंगे क्योंकि 2023 चुनावी साल जो है। साल के पहले महीने में ही कांग्रेस और बीजेपी के बीच घमासान शुरू हो चुका है। केंद्रीय मंत्री अमित शाह और प्रभारी ओम माथुर के दौरे से चार्ज बीजेपी ने कांग्रेस हटाओ छत्तीसगढ़ बचाओ अभियान चलाने का एलान किया तो कांग्रेस ने जवाब में बीजेपी के 15 साल बनाम कांग्रेस के 5 साल के कार्यकाल को जनता के बीच ले जाने की बात कही।
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कांग्रेस के इस बयान पर बीजेपी ने भी तेवर दिखाए और अधूरे वादों की फेहरिश्त लेकर बैठ गई। बीजेपी नेताओं ने तो ये भी कहा कि बीजेपी सरकार ने 15 साल में जो इमारतें बनवाई, कांग्रेस सरकार उसकी पुताई तक नहीं करवा पाई।
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रमन बनाम भूपेश के कार्यकाल की तुलना बीजेपी को भले ही पसंद ना आ रही हो। लेकिन 2019 में ठीक इसी तरह पीएम नरेंद्र मोदी ने भी कांग्रेस के 55 साल की सरकारों के कामकाज पर हमला करते हुए अपनी सरकर के 55 महीनों के काम गिनाए थे। फिलहाल सवाल है कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को इसकी जरूरत क्यों पड़ गई और अगर सरकारों के कार्यकाल की तुलना करना ही है तो कांग्रेस ने शुरुआती 3 साल को क्यों छोड़ दिया? वैसे, जनता भी सरकारों के लेखा-जोखा का इंतजार कर रही है।
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11 hours ago