पंद्रह बनाम पांच.. कितना सांच, कितना आंच? क्या कामकाज ही बनेगा 2023 का चुनावी एजेंडा?

पंद्रह बनाम पांच.. कितना सांच, कितना आंच? : BJP govt's failure Congress agenda for 2023 assembly elections

पंद्रह बनाम पांच.. कितना सांच, कितना आंच? क्या कामकाज ही बनेगा 2023 का चुनावी एजेंडा?
Modified Date: January 11, 2023 / 12:07 am IST
Published Date: January 11, 2023 12:07 am IST

रायपुरः छत्तीसगढ़ में इस साल जनता को अगले 5 सालों के लिए अपना रहनुमा चुनना है। लिहाजा कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही जनता की अदालत में जाने के लिए तैयार हैं। कांग्रेस ने ऐलान किया है कि वो 15 साल बीजेपी सरकार की नाकामी और 5 साल की अपने सरकार की उपलब्धियों को लेकर जनता के बीच जाएगी। इस पर भाजपा ने भी कांग्रेस सरकार की नाकामी और वादखिलाफी गिनाने का ऐलान कर दिया है।

Read More : इन कर्मचारियों को बड़ा तोहफा, महंगाई भत्ता और बोनस में हुई बंपर बढ़ोतरी, यहां की सरकार ने जारी किया आदेश

छत्तीसगढ़ में इस साल आपको राजनीति के हर रंग देखने को मिलेंगे क्योंकि 2023 चुनावी साल जो है। साल के पहले महीने में ही कांग्रेस और बीजेपी के बीच घमासान शुरू हो चुका है। केंद्रीय मंत्री अमित शाह और प्रभारी ओम माथुर के दौरे से चार्ज बीजेपी ने कांग्रेस हटाओ छत्तीसगढ़ बचाओ अभियान चलाने का एलान किया तो कांग्रेस ने जवाब में बीजेपी के 15 साल बनाम कांग्रेस के 5 साल के कार्यकाल को जनता के बीच ले जाने की बात कही।

 ⁠

Read More : इस बात को लेकर पड़ोसी से हुआ विवाद, महिला ने दो बेटों के साथ कुएं में कूदी, जांच में जुटी पुलिस 

कांग्रेस के इस बयान पर बीजेपी ने भी तेवर दिखाए और अधूरे वादों की फेहरिश्त लेकर बैठ गई। बीजेपी नेताओं ने तो ये भी कहा कि बीजेपी सरकार ने 15 साल में जो इमारतें बनवाई, कांग्रेस सरकार उसकी पुताई तक नहीं करवा पाई।

Read More : ‘संघ’ अगर कौरव.. ‘पांडव’ कौन? क्या भारत जोड़ों यात्रा में सेट किया जा रहा चुनावी ऐजेंडा? 

रमन बनाम भूपेश के कार्यकाल की तुलना बीजेपी को भले ही पसंद ना आ रही हो। लेकिन 2019 में ठीक इसी तरह पीएम नरेंद्र मोदी ने भी कांग्रेस के 55 साल की सरकारों के कामकाज पर हमला करते हुए अपनी सरकर के 55 महीनों के काम गिनाए थे। फिलहाल सवाल है कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को इसकी जरूरत क्यों पड़ गई और अगर सरकारों के कार्यकाल की तुलना करना ही है तो कांग्रेस ने शुरुआती 3 साल को क्यों छोड़ दिया? वैसे, जनता भी सरकारों के लेखा-जोखा का इंतजार कर रही है।


लेखक के बारे में

सवाल आपका है.. पत्रकारिता के माध्यम से जनसरोकारों और आप से जुड़े मुद्दों को सीधे सरकार के संज्ञान में लाना मेरा ध्येय है। विभिन्न मीडिया संस्थानों में 10 साल का अनुभव मुझे इस काम के लिए और प्रेरित करता है। कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रानिक मीडिया और भाषा विज्ञान में ली हुई स्नातकोत्तर की दोनों डिग्रियां अपने कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ने के लिए गति देती है।