BJP is focusing on tribal voters and leaders

आदिवासी पर दांव.. जिताएगा चुनाव? क्या आदिवासी इलाकों में बीजेपी खुद को मजबूत कर पाएगी?

BJP is focusing on tribal voters and leaders

Edited By :   Modified Date:  June 7, 2023 / 12:12 AM IST, Published Date : June 7, 2023/12:12 am IST

रायपुरः छत्तीसगढ़ में जैसे जैसे चुनाव नजदीक आ रहे हैं सियासी दल पूरी ताकत झोंक रहे हैं। छत्तीसगढ़ में इस बार आदिवासियों का मुद्दा अहम रहने वाला है। 2018 के चुनाव में सरगुजा और बस्तर में हुए सफाए के चलते बीजेपी को सत्ता से बाहर निकलना पड़ा था। इसीलिए इस बार उसका पूरा जोर इन्हीं दोनों आदिवासी इलाकों में खुद को मजबूत करने पर है। प्रवेश उत्सव अभियान और पुरखौती सम्मान यात्रा BJP की इसी रणनीति का हिस्सा है। हालांकि कांग्रेस नेताओं का कहना है कि बीजेपी की इस कोशिश से कोई फर्क नहीं पड़ता।

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छत्तीसगढ़ बीजेपी अपने चुनावी मुद्दों को फाइन ट्यून करने में लगी है। नंदकुमार साय के पार्टी छोड़ने के बाद प्रदेश के आदिवासी वोटर्स में निगेटिव मैसेज ना जाए। इस बात की चिंता बीजेपी को है। अपने प्रवेश उत्सव अभियान के जरिए वो आदिवासी वोटर्स और नेताओं पर फोकस कर रही है। भले ही बड़े चेहरे ना हो पर बड़ी संख्या में आदिवासियों को पार्टी प्रवेश कराकर बीजेपी प्रदेश के लोगों को ये मैसेज देना चाहती है कि आदिवासी उसके साथ हैं।

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मिशन 2023 के तहत आदिवासी समाज समेत अब तक 8 सौ से ज्यादा ख्यातिप्राप्त लोगों को भाजपा प्रवेश करा चुकी है। आने वाले दिनों में भी अमित शाह और जेपी नड्डा की मौजूदगी में आदिवासी समाज समेत कई लोगों को भाजपा प्रवेश कराने की तैयारी है। इसी क्रम में भाजपा 9 जून से पुरखौती सम्मान यात्रा भी निकालने जा रही है। इसके तहत वो आदिवासी लोकनायकों के स्मारकों तक पहुंचेगी। और आदिवासी सेंटीमेंट को इन-कैश करने की पूरी कोशिश करेगी।

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बीजेपी की इस तमाम कवायद पर कांग्रेस नेता तंज कस रहे हैं।जब सत्ता से दूरी ज्यादा होती है तो सत्ता की चाहत भी उतनी ही प्रबल होती है। छत्तीसगढ़ में चुनावी समीकरणों में सियासी दल अपनी पूरी ताकत झोंक रहे हैं। जिसमें आदिवासी वोट बैंक पर भी नजर है। इसीलिए 23 की बिसात में बीजेपी के टॉप चुनावी एजेंडों में शामिल होगा आदिवासियों को रिझाना।