शीतकालीन सत्र: सदन में गूंजा धान के उठाव का मामला, खाद्य मंत्री के जवाब सुन विपक्ष ने किया हंगामा

छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीतकालीन सत्र का आज तीसरी दिन है। पूर्व मंत्री रमन सिंह ने विधानसभा में मामला उठाया।

शीतकालीन सत्र: सदन में गूंजा धान के उठाव का मामला, खाद्य मंत्री के जवाब सुन विपक्ष ने किया हंगामा
Modified Date: November 29, 2022 / 08:47 pm IST
Published Date: December 15, 2021 12:57 pm IST

रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीतकालीन सत्र का आज तीसरी दिन है। सदन में आज धान उपार्जन केंद्रों से धान के उठाव का मामला गूंजा। पूर्व मंत्री रमन सिंह ने विधानसभा में मामला उठाया।

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रमन सिंह ने कहा कि नियम शर्तों के अनुसार धान का उठाव नहीं हो रहा है। इसकी वजह से करोड़ों का धान संग्रहण केंद्र में सड़ रहा। रमन सिंह ने धान संग्रहण केंद्रों की क्षमता की जानकारी मांगी। वहीं रमन सिंह ने खाद्य मंत्री अमरजीत भगत से पूछा कि धान की नीलामी में सरकार को कितना नुकसान हुआ।

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खाद्य मंत्री ने रमन सिंह आंकड़े को गलत बताते हुए 900 करोड़ का नुकसान बताया। खाद्य मंत्री के जवाब से बीजेपी विधायकों ने किया शोर-शराबा किया। मंत्री अमरजीत भगत से खेद व्यक्त करने की मांग की। इसके बाद बीजेपी विधायक गर्भगृह में प्रवेश कर नारेबाजी करने लगे। गर्भ गृह में प्रवेश करने के BJP के सभी सदस्य निलंबित किए गए। विस अध्यक्ष के हस्तक्षेप पर खाद्य मंत्री ने खेद व्यक्त किया। हालांकि विस अध्यक्ष ने सभी BJP सदस्यों का निलंबन वापस लिया।

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MLA रेणु जोगी ने चिटफंड कंपनियां को लेकर गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू से पूछा कि वर्ष 2018 से प्रदेश में कितने चिटफंड कंपनियां संचालित थी?कितने निवेशकों ने कितनी राशि का निवेश किया ? गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू ने दिया जवाब दिया कि प्रदेश में चिटफंड अधिनियम 1982 प्रभावशील है। कोई भी कंपनी अधिकृत रूप से पंजीकृत अथवा संचालित नहीं। सहारा इंडिया पर राज्य शासन का नियंत्रण नहीं है। जिसके कारण जमा और भुगतान की जानकारी देना संभव नहीं। जो मामले सामने आ रहे उन पर समुचित कार्रवाई की जा रही। रायपुर में भी चिटफंड कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई हो। राजनांदगांव की तरह कार्रवाई हो।

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