रायपुरः CG Naxal News विपक्ष की शंका का क्या समाधान 60 नक्सलियों को लेकर एक करोड़ के ईनामी नक्सल कमांडर ने सरेंडर कर दिया है। सरकार के दावा किया कि नक्सलवाद के खिलाफ संघर्ष अंतिम चरण में है, लेकिन इसी बीच नक्सलियों ने मुखबिरी के शक में एक बीजेपी कार्यकर्ता की हत्या कर दी। विपक्ष ने तंज कसा कि ये असलियत है, नक्सलियों के खात्में के दावे की। लगे हाथ कांग्रेस ने कुछ और गंभीर आरोप लगाए, जिससे सवाल उठा कि आखिर विपक्ष को हर बार, एंटी नक्सल अभियान की सफलता पर इतनी शंका क्यों है? एंटी नक्सल अभियान पर बार-बार सवाल क्यों उठाया जाता है?
CG Naxal News नक्सलवाद के खात्मे पर सियासी बयानों की ये लडा़ई नई नहीं है। मंगलवार को गढ़चिरौली में टॉप नक्सल लीडर समेत 60 नक्सलियों ने सरेंडर कर दिया, एक करोड़ का ईनामी नक्सली, CC मेम्बर सोनू दादा उर्फ़ भूपति ने अपने साथियों और 50 हथियारों के साथ सरेंडर कर दिया, जिस पर इसपर प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव ने दावा किया कि 31 मार्च 2026 तक नक्सलवाद के खात्मे का संकल्प जरूर पूरा होगा। दावे पर पटलवार किया PCC चीफ दीपक बैज ने कहा- मुगालते की कोई दवा नहीं। बैज ने आरोप लगाए कि महीने भर पहले पकड़े लोगों को भी सरेंडर करवा रहे हैं, पंचर बनाने वाले की भी सरेंडर कराने की तैयारी है। विपक्ष ने फिर मांग की कि सरेंडर करने वाले सभी नक्सलियों का डिटेल सरकार दे दे।
एक तरफ नक्सल फ्रंट पर कामायाबी के बढ़ते आंकड़े हैं तो दूसरी तरफ, नक्सलियों ने मुखबिरी के शक में BJP कार्यकर्ता पूनेम सत्यम की हत्या कर दी, जिस विपक्ष ने तंज कसते हुआ कहा कि ये है जमीनी हकीकत जवाब में गृहमंत्री ने कहा कि बड़े नक्सल लीडर्स चाहते हैं कि नक्सलवाद खत्म हो। सारे संकेत कहते हैं कि नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई में नक्सली बैकफुट पर हैं। बड़े नक्सल लीडर्स का सरेंडर सरकार के दावे को पुख्ता करता है, लेकिन विपक्ष का आरोप है कि सरेंडर के आंकड़े को बढ़ाचढ़ा कर दिखाने की कोशिश है। सवाल है क्या वाकई इस आरोप में दम है?