Chhattisgarh also contributed in character building of Lord Shri Ram

भगवान श्रीराम के चरित्र निर्माण में छत्तीसगढ़ का भी योगदान, सीएम बघेल ने दिया बड़ा बयान…

भगवान श्रीराम के चरित्र निर्माण में छत्तीसगढ़ का भी योगदान : Chhattisgarh also contributed in character building of Lord Shri Ram,

Edited By :   Modified Date:  June 1, 2023 / 10:56 PM IST, Published Date : June 1, 2023/9:51 pm IST

रायपुर ।  छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान श्रीराम के चरित्र निर्माण में छत्तीसगढ़ का भी योगदान है। मुख्यमंत्री बघेल ने रायगढ़ में बृहस्पतिवार को तीन दिवसीय ‘राष्ट्रीय रामायण महोत्सव’ की शुरुआत करते हुए कहा,‘‘भगवान श्री राम ने अपने वनवास के 10 साल छत्तीसगढ़ में गुजारे। भगवान श्री राम ने वनवास के दौरान कितनी कठिनाइयां झेलीं परंतु अपनी मर्यादा नहीं खोई। भगवान राम जब वन गए तो मर्यादा पुरूषोत्तम बन गए। उनके इस चरित्र निर्माण में छत्तीसगढ़ का भी योगदान है।’’

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मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘छत्तीसगढ़ माता कौशल्या और शबरी माता का प्रदेश है। यह सदियों से निवास कर रहे आदिवासियों, वनवासियों का प्रदेश है। भगवान राम का राजतिलक होना था लेकिन वह वनवास गए, निषादराज से मिले, शबरी से मिले, ऋषि- मुनियों से मिले। हमारा रिश्ता वनवासी राम के साथ ही कौशल्या के राम से भी है, इसलिए वह हमारे भांजे है, हम छत्तीसगढ़वासी भांजे का पैर छूते हैं।’’ उन्होंने कहा,‘‘देश में पहली बार छत्तीसगढ़ में शासकीय रूप से राष्ट्रीय स्तर पर रामायण महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। श्री राम जी के आदर्श चरित्र के श्रवण के लिए यह सुंदर आयोजन किया जा रहा है। यद्यपि यह राष्ट्रीय आयोजन है लेकिन इसमें कंबोडिया, इंडोनेशिया जैसे विदेशी दल भी हिस्सा ले रहे हैं, जिससे यह महोत्सव अंतरराष्ट्रीय हो गया है।’’

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मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘ राम कथा हमारे दिलों में बसी हुई है। हमारी सुबह राम-राम से होती है और शाम भी राम-राम से होती है। हमारे हर गांव में रामलीला की सुंदर मंडलियां बनी हुई हैं। आमजन श्रीराम से गहरी आत्मीयता इसलिए महसूस करते हैं क्योंकि श्री राम सबके हैं, वे निषादराज के हैं, शबरी के हैं। वह सबसे अनुराग रखते हैं।’’ राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि कार्यक्रम की शुरुआत में विभिन्न राज्यों से और देशों से आए हुए दलों ने मार्च पास्ट किया। इंडोनेशिया और कंबोडिया से आए दलों ने अपने पारंपरिक परिधानों में लोगों का मन मोह लिया। वहीं रामनामी संप्रदाय के सदस्यों ने भी मार्च पास्ट किया। अधिकारियों ने बताया कि इस आयोजन में 12 राज्यों के 270 कलाकार हिस्सा ले रहे हैं। इसमें छत्तीसगढ़ प्रदेश से 70 कलाकार और विदेशों से 27 कलाकार हिस्सा ले रहे हैं।

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