रायपुर, 07 अक्टूबर 2021/ छत्तीसगढ़ राजपत्रित अधिकारी संघ के प्रातांध्यक्ष कमल वर्मा ने जनसम्पर्क विभाग राजपत्रित अधिकारी संघ की मांगों का समर्थन करते हुए जनसम्पर्क विभाग में पदस्थ राज्य प्रशासनिक सेवा के कनिष्ठ अधिकारी को संचालक पद से तत्काल हटाते हुए अन्य विभागों में पदस्थ राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को हटाने की मांग की है। उन्होंने यह भी मांग की है कि अन्य विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों को उनके स्तर के आधार पर राज्य प्रशासनिक सेवा के पदों पर पदस्थ किया जाए।
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प्रांताध्यक्ष कमल वर्मा ने मुख्य सचिव को दिए ज्ञापन में लिखा है कि जनसम्पर्क संचालनालय में संचालक पद पर राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी की पदस्थापना से राज्य के समस्त जनसम्पर्क अधिकारी निराश है, क्षुब्ध है और अपमानित महसूस कर रहे हैं। इसी तरह महिला एवं बाल विकास विभाग, स्वास्थ्य विभाग, आदिम जाति कल्याण विभाग, नगरीय प्रशासन विभाग, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग सहित अन्य विभिन्न विभागों में भी राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी नियम विरूद्ध पदस्थ है। विभिन्न विभागों में पदस्थ विभागीय अधिकारी समान सिविल सेवा परीक्षा उत्तीर्ण करके शासकीय सेवा में आते हैं तथा राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के समकक्ष होते हैं।
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उन्होंने लिखा कि विभागीय अधिकारी अपने विभाग की योजनाओं के विशेषज्ञ अधिकारी होते हैं किन्तु राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को विभागीय योजनाओं के बारें में पर्याप्त ज्ञान एवं अनुभव नहीं होता है। राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों की विभिन्न विभागों में पदस्थापना से विभागीय योजनाओं को उन्हें समझने में लंबा समय लगता है, जिससे शासकीय योजनाएं एवं गतिविधियां प्रभावित होती है। इतना ही नहीं इससे विभिन्न अवसरों पर विरोधाभास और गतिरोध की स्थिति उत्पन्न होती है, जबकि विभागीय अधिकारी लम्बे अनुभव एवं योग्यता के पश्चात् भी विभाग के उच्च पदों पर कार्य करने का अवसर नहीं मिलने से कुंठित, क्षुुब्ध एवं मानसिक रूप से प्रताड़ित महसूस करते हैं।
राज्य शासन के विभिन्न विभागों के विभागीय सेट-अप में राज्य प्रशासनिक सेवा से प्रतिनियुक्ति पर विभिन्न पदों पर पदस्थापना का कोई प्रावधान नहीं है। इस तरह की पदस्थापना पूर्णतः गलत एवं नियम विरूद्ध है। इससे विभागीय अधिकारियों की पदोन्नति प्रभावित होती है और लम्बे समय तक पदोन्नति प्रभावित होने से विभागीय अधिकारियों की कार्यक्षमता कम होती है और मनोबल टूटता है।
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