सदन में ‘धक्कामुक्की’…सड़क पर धरना! सीएम बघेल बोले- ये छत्तीसगढ़ महतारी का अपमान
सदन में 'धक्कामुक्की'...सड़क पर धरना! CM bhupesh Baghel Protest Against Misbehave with Lady MP's in Assembly
रायपुर: देश की संसद में विपक्ष का हंगामा, शोर-शराबा, नोंक-झोंक कोई नई बात नहीं है। लेकिन बीते दिनों वक्त के पहले खत्म हो चुके मॉनसून सत्र को लेकर वार-पलटवार की बौछार अब तक जारी है। बीजेपी ने संसद के दोनों सदनों में विपक्ष के बर्ताव को लेकर गंभीर आरोप लगाए, एक नहीं 8-8 केंद्रीय मंत्रियों ने मोर्चा संभालते हुए विपक्षी माननीयों पर निशाना साधा। सदन के भीतर के CCTV फुटेज देश को दिखाते हुए छत्तीसगढ़ की महिला कांग्रेस सांसदों को भी कटघरे में खड़ा किया, जिसके जवाब में छत्तीसगढ़ से दोनों महिला कांग्रेस सांसदों ने उल्टे मार्शल्स के जरिए दुर्व्यवहार कराने का गंभीर आरोप लगाया। अपना पक्ष रखते-रखते महिला सांसदों के मीडिया का सामने आंसू तक छलक पड़े। बीजेपी ने बार-बार महिला सांसदों पर कार्रवाई की मांग की तो प्रदेश के मुखिया समेत पूरी कांग्रेस अपनी महिला सांसदों के साथ खड़ी नजर आई। सीएम ने मौन धरना देकर घटना को छत्तीसगढ़ महतारी का अपमान बताया।
संसद से शुरू हुई सियासी लड़ाई और धक्का-मुक्की अब सड़क पर उतर आई है। 11 अगस्त को राज्यसभा में हुई जिस खींचतान ने लोकतंत्र के मंदिर को शर्मसार किया। अब उसी शर्मनाक वाकये पर सड़क पर संग्राम की स्थिति है, जिस कांग्रेस सांसद फूलोदेवी नेताम और छाया वर्मा पर बीजेपी ने संसद की मर्यादा को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया वो प्रेस कॉन्फ्रेंस कर एक हफ्ते पहले की घटना को याद कर रो पड़ीं।
एक दिन पहले कांग्रेस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर फूलो देवी और छाया वर्मा पर आरोप लगाने वाले छत्तीसगढ़ के बीजेपी सांसदों से भी माफी मांगने को कहा, तो दूसरे दिन खुद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मोर्चा संभाला। महिला सांसदों से दुर्व्यवहार मामले में सीएम बघेल गांधी चौक पर सैकड़ों कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ मौन धरने पर बैठे। धरने में सांसद फूलो देवी नेताम और छाया वर्मा भी शामिल हुई। करीब एक घंटे तक मौन धरना देने के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि बीजेपी सांसद और पदाधिकारियों ने महिला सांसदों का अपमान किया इसके लिये बीजेपी को माफी मांगनी होगी।
सीएम भूपेश बघेल के मौन धरने पर बीजेपी ने निशाना साधते हए कहा कि दुर्व्यवहार हुआ या नहीं, ये तो सदन के अंदर की बात है इसका फैसला सांसद नहीं बल्कि संसद करेगी। ऐसे मामले में CM का इस तरह का धरना देना असंवैधानिक है। इससे पहले बुधवार को बीजेपी महिला मोर्चा ने सांसद छाया वर्मा और फूलोदेवी नेताम पर छत्तीसगढ़ की महिलाओं की छवि को बिगाड़ने का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन किया, तो कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं ने केंद्र सरकार पर उस घटना की भ्रामक जानकारी देने का आरोप लगाते हुए विरोध प्रदर्शन किया। सड़क पर दोनों दलों ने एक दूसरे पर झूठ बोलने और शर्मसार करने के आरोप लगाए। लेकिन सड़क पर इस वार-पलटवार के बीच सच्चाई यही है कि एक हफ्ते पहले देश का उच्च सदन शर्मसार हुआ था। लोकतंत्र में लोगों का विश्वास कायम रखने के लिए उस घटना के जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई जरूरी है।
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