CM Bhupesh inaugurated Vriksha Sampada Yojana in Chhattisgarh

सीएम भूपेश ने वृक्ष संपदा योजना का किया शुभारंभ, किसानों को सलाना प्रति एकड़ 15 से 20 हजार रूपए तक की होगी आय

सीएम भूपेश ने वृक्ष संपदा योजना का किया शुभारंभ, CM Bhupesh inaugurated Vriksha Sampada Yojana in Chhattisgarh

Edited By :   Modified Date:  March 21, 2023 / 05:38 PM IST, Published Date : March 21, 2023/5:38 pm IST

रायपुरः CM Bhupesh inaugurated Vriksha Sampada Yojana मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज विश्व वानिकी दिवस के अवसर पर राज्य के सभी 33 जिलों के 42 स्थानों में मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना का शुभारंभ किया। यह योजना ग्रामीण क्षेत्रों में वाणिज्यिक वृक्षारोपण को बढ़ावा देकर किसानों की आय में वृद्धि करने के लिए शुरू की गई है। बघेल ने विधानसभा परिसर स्थित अपने कार्यालय कक्ष से योजना का ऑनलाइन शुभारंभ कर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि यह योजना छत्तीसगढ़ में वनों के संरक्षण-संवर्धन तथा हरियाली के प्रसार के लिए एक और महत्वपूर्ण योजना साबित होगी। कार्यक्रम की अध्यक्षता वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री मोहम्मद अकबर ने की।

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मुख्यमंत्री बघेल ने इस मौके पर वन संसाधन अधिकारों को लोगों तक सुगमता से पहुंचाने के लिए मोबाईल आधारित एफआरए टूल का लोकार्पण किया और वनोपज आधारित अर्थव्यवस्था को गति देने तथा व्यापारियों की सुविधा के लिए छत्तीसगढ़ में नेशनल ट्रांजिट पास सिस्टम का शुभारंभ किया। साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शहीद महेन्द्र कर्मा सामाजिक सुरक्षा योजना के अंतर्गत 1458 हितग्राहियों के खाते में कुल 22 करोड़ रुपए की राशि का ऑनलाइन अंतरण किया।

सीएम भूपेश ने कही ये बात

CM Bhupesh inaugurated Vriksha Sampada Yojana मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि ‘मुख्यमंत्री वृक्ष सम्पदा योजना’ वाणिज्यिक वृक्षारोपण करने वाले हितग्राहियों के लिए आर्थिक दृष्टि से, पर्यावरण, सॉइल हेल्थ की दृष्टि से महत्वपूर्ण योजना साबित होगी। उन्होंने कहा कि यह प्रसन्नता का विषय है कि बस्तर और सरगुजा के लोगों ने जहां प्रदेश में सर्वाधिक वन हैं, वृक्षारोपण की इस योजना में गहरी रूचि दिखाई है। मैदानी इलाके के दुर्ग और रायपुर संभाग में हितग्राहियों ने कम रूचि दिखाई है। जबकि यहां वृक्षों की ज्यादा जरूरत है। मुख्यमंत्री ने वन विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि दुर्ग और रायपुर संभाग में इस योजना को व्यापक प्रचार-प्रसार कर योजना से होने वाले लाभों की जानकारी लोगों को दी जाए, ताकि इस क्षेत्र में भी वृक्षारोपण को बढ़ावा मिले।

उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के जंगल और यहां की जैव विविधता छत्तीसगढ़ की पहचान है। हमारी कला, संस्कृति, परम्पराएं, दर्शन, चिंतन, आध्यात्म, इतिहास सब कुछ हमारे जंगलों से जुड़ा है। छत्तीसगढ़ के वन पूरे देश की धरोहर है। इन वनों से पूरे देश का पर्यावरण जुड़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि हमारे जंगल बचे रहे, हमारा पर्यावरण बचा रहे, जंगल से जुड़ी हमारी गौरवशाली संस्कृति बची रहे और खूब फले-फूले इस दिशा में बीते चार वर्षों के दौरान हमारी सरकार ने लगातार काम किया है।

मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि यह योजना देश में एक अनूठी योजना है, जिसमें वाणिज्यिक प्रजातियों का वृक्षारोपण कर निजी व्यक्ति, संस्था अथवा कम्पनियों के माध्यम से अधिकाधिक लाभ कमा सकते हैं। यह केवल वृक्षारोपण की योजना न होकर देश के जलवायु परिवर्तन की दिशा में भी हमारी सहभागिता और प्रतिबद्धता को दर्शाता है। मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना में सभी वर्ग के इच्छुक किसानों की पड़त भूमि में वाणिज्यिक वृक्षारोपण होगा। योजना के तहत 33 जिलों के 23 हजार 600 किसानों द्वारा 36 हजार 230 एकड़ में वृक्षारोपण किया जाएगा। योजना से किसानों को सालाना प्रति एकड़ 15 से 50 हजार रूपए तक की आय होगी। इसके अलावा कार्बन क्रेडिट के माध्यम से भी किसानों को अतिरिक्त आय होगी।

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वन एवं पर्यावरण मंत्री मोहम्मद अकबर ने की कार्यक्रम की अध्यक्षता

वन एवं पर्यावरण मंत्री मोहम्मद अकबर ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ वन संपदा की दृष्टि से बहुत समृद्ध राज्य है। मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना के माध्यम से अगले 5 वर्षों में 1 लाख 80 हजार एकड़ में वृक्षारोपण किया जाएगा। यह योजना हितग्राहियों की आय में वृद्धि के साथ-साथ पर्यावरण संतुलन की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण योजना है। योजना में 5 एकड़ में वाणिज्यिक वृक्षारोपण करने वाले हितग्राहियों को शतप्रतिशत अनुदान तथा 5 एकड़ से अधिक भूमि पर वृक्षारोपण करने वाले हितग्राहियों को 50 प्रतिशत अनुदान देने का प्रावधान किया गया है।

मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना का लाभ किसान, इच्छुक भूमि स्वामी, शासकीय, अर्ध शासकीय एवं शासन के स्वायत्त संस्थाएं, निजी शिक्षण संस्थाएं, निजी ट्रस्ट, पंचायत तथा भूमि अनुबंध धारक उठा सकते हैं। छत्तीसगढ़ में योजना के तहत इस वर्ष 12 प्रकार की प्रजाति के वृक्ष का रोपण किया जाएगा। इनमें क्लोनल यूकलिप्टस, रूटशूट टीक, टिश्यू कल्चर, चंदन, मेलिया दुबिया, सामान्य बांस, टिश्यू कल्चर बम्बू, रक्त चंदन, आंवला, खमार, शीशम तथा महानीम आदि के पौधे रोपे जाएंगे।

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मोबाईल एप का लोकार्पण

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कार्यक्रम के दौरान सामुदायिक वन संसाधन अधिकार जारी करने की प्रक्रिया को ट्रेक करने हेतु मोबाइल एप का लोकार्पण भी किया। इस मोबाइल एप के उपयोग से सामुदायिक वन संसाधन अधिकार प्राप्त करने की पूरी प्रक्रिया सरलीकृत होगी। सामुदायिक वन संसाधन अधिकार के आवेदन से लेकर अधिकार प्राप्ति तक 12 स्तर की प्रक्रिया है तथा 18 प्रपत्रों में जानकारी भरी जाती है। मोबाइल एप के माध्यम से अधिकार प्राप्त करने की प्रक्रिया का मॉनिटरिंग भी की जा सकती है।

नेशनल टांजिट परमिट सिस्टम लॉन्च

मुख्यमंत्री बघेल ने वन विभाग द्वारा वनोपज के परिवहन हेतु तैयार कराए गए नेशनल ट्रांजिट परिमिट सिस्टम को लॉन्च किया। इस सुविधा के अंतर्गत आवेदक ट्रांजिट परमिट के लिए ऑनलाईन आवेदन कर सकते हैं तथा वन विभाग ऑनलाईन ट्रांजिट परमिट जारी करेगा। अंतरराज्यीय सीमा में नये टी.पी. की आवश्यकता नहीं होगी। मध्यप्रदेश, पश्चिम बंगाल एवं जम्मू कश्मीर के बाद छत्तीसगढ़ एनटीपीएस योजना को लागू करने वाला चौथा राज्य बन गया है।

सकरी नदी पुनर्जीवन कार्यक्रम का शुभारंभ

मुख्यमंत्री कार्यक्रम में कवर्धा जिले के सकरी नदी को संरक्षित करने तथा नदी का बहाव अपने पूर्ण क्षमता पर लाने के उद्देश्य से वृक्षारोपण के माध्यम से सकरी नदी पुनर्जीवन कार्यक्रम की शुरूआत की। जिसके तहत वन एवं राजस्व भूमि में नदी तट वृक्षारोपण कार्य, निजी भूमि में मुख्यमंत्री वृक्ष सम्पदा योजना के अंतर्गत वृक्षारोपण, वन क्षेत्रों में नरवा योजना के अंतर्गत कैम्पा मद से जल एवं मृदा संरक्षण कार्य तथा राजस्व क्षेत्र में मनरेगा अंतर्गत रोपण एवं संरचानाओं का निर्माण किया जाएगा। इस एकीकृत परियोजना से कर्वधा जिले में किसानों को घरेलू उपयोग तथा कृषि के लिए सिंचाई हेतु पर्याप्त पानी उपलब्ध होगी।