CG News: राजस्व मंत्री वर्मा के बंगले में आयोजित तीजा मिलन समारोह में शामिल हुए सीएम साय, कहा- लोकपरंपराएं और संस्कृति समाज को जोड़ने का बेहतर माध्यम

राजस्व मंत्री वर्मा के बंगले में आयोजित तीजा मिलन समारोह में शामिल हुए सीएम साय, CM Sai attended the Teej Milan ceremony organized at the bungalow of Revenue Minister Verma

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  • Publish Date - September 3, 2025 / 09:18 PM IST,
    Updated On - September 3, 2025 / 11:56 PM IST

रायपुर: सावन-भादो में छत्तीसगढ़ की धरती पर पारंपरिक उत्सवों का विशेष महत्व रहता है। इसी क्रम में आज राजस्व मंत्री टंक राम वर्मा के निवास में तीजा मिलन कार्यक्रम का भव्य आयोजन किया गया। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ी संस्कृति, परंपरा, गीत-संगीत और लोकनृत्य की अनूठी छटा देखने को मिली। महिलाएँ पारंपरिक परिधानों में सुसज्जित होकर लोकगीतों की मधुर धुनों से वातावरण को उल्लासमय बना रही थीं।

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मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने तीजा मिलन को समाज की एकता और संस्कृति की पहचान बताया। उन्होंने कहा कि तीजा छत्तीसगढ़ की महिलाओं के लिए आस्था और विश्वास का पर्व है। महिलाएँ इस दिन पति की लंबी आयु और परिवार की समृद्धि के लिए व्रत करती हैं। हमारी लोकपरंपराएँ समाज को जोड़ती हैं और यही हमारी सांस्कृतिक धरोहर है। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि कजली एकादशी जैसे पर्व केवल धार्मिक महत्व नहीं रखते, बल्कि समाज में भाईचारे और एकता का संदेश भी देते हैं। उन्होंने राज्य के विकास की दिशा में सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास की भावना को मार्गदर्शक बताया।

विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह भी हुए शामिल

विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने कहा कि छत्तीसगढ़ की पहचान लोक संस्कृति एवं त्योहारों से होती है। यहाँ की महिलाएँ न केवल परिवार और समाज को संवार रही हैं, बल्कि शिक्षा, राजनीति, सेवा और हर क्षेत्र में योगदान देकर प्रदेश का नाम रोशन कर रही हैं। उन्होंने महिलाओं को संस्कृति की संरक्षक बताते हुए उनके योगदान की सराहना की। राजस्व मंत्री टंक राम वर्मा ने कहा कि आज तीजा मिलन समारोह में प्रदेश की संस्कृति और परंपरा के रंगों का संगम देखने को मिला। पति की लंबी उम्र के लिए महिलाएँ मायके में उपवास करती हैं। तीजा महिलाओं को मायके से जुड़ी यादों को तरोताज़ा करने का पर्व है।

पारंपरिक छत्तीसगढ़ी व्यंजन परोसे गए

तीजा मिलन कार्यक्रम में पारंपरिक छत्तीसगढ़ी व्यंजन परोसे गए। लोकनृत्य और गीतों ने पूरे वातावरण को उल्लासमय बना दिया। महिलाएँ एक-दूसरे को तीजा की बधाइयाँ देती रहीं। यह आयोजन इस बात का प्रतीक बना कि छत्तीसगढ़ की संस्कृति और परंपराएँ आज भी समाज के ताने-बाने को मजबूती प्रदान कर रही हैं। तीजा केवल एक पर्व नहीं, बल्कि महिलाओं की शक्ति, सांस्कृतिक धरोहर और सामाजिक एकता का जीवंत प्रतीक है। कार्यक्रम में मंत्रिमंडल के सदस्य आदिम जाति विकास एवं कृषि मंत्री रामविचार नेताम, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री दयालदास बघेल, वन एवं सहकारिता मंत्री केदार कश्यप, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन, लोक स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल, महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े, स्कूल शिक्षा मंत्री गजेंद्र यादव, पर्यटन मंत्री राजेश अग्रवाल, सांसद बृजमोहन अग्रवाल, सांसद रूप कुमारी चौधरी, कमलेश जांगड़े और विधायक अनुज शर्मा, सुनील सोनी तथा पुरंदर मिश्रा भी उपस्थित रहे। सभी जनप्रतिनिधियों ने महिलाओं को तीजा की शुभकामनाएँ दीं और उन्हें समाज के विकास में सक्रिय भागीदारी के लिए प्रेरित किया।