CG News: इंद्रावती से जुड़ेगी महानदी, सीएम साय ने पीएम मोदी से इंद्रावती-महानदी इंटरलिंकिंग और बोधघाट बांध परियोजना को लेकर की चर्चा, इन जिलों को होगा लाभ

सीएम साय ने पीएम मोदी से इंद्रावती-महानदी इंटरलिंकिंग और बोधघाट बांध परियोजना को लेकर की चर्चा, CM Sai discussed with PM Modi about Indravati-Mahanadi interlinking and Bodhghat dam project

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  • Publish Date - June 8, 2025 / 03:55 PM IST,
    Updated On - June 9, 2025 / 12:01 AM IST
HIGHLIGHTS
  • ₹49,000 करोड़ की लागत से बनने वाली ये परियोजनाएं बस्तर संभाग के लिए गेम-चेंजर साबित होंगी।
  • इंद्रावती-महानदी इंटरलिंकिंग परियोजना से कांकेर समेत 3 लाख हेक्टेयर भूमि को मिलेगा सिंचाई लाभ।
  • बोधघाट बांध से 125 मेगावाट बिजली उत्पादन और 3.78 लाख हेक्टेयर में सिंचाई संभव होगी।

रायपुरः CG News: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से बहुउद्देशीय बोधघाट बांध परियोजना और इंद्रावती-महानदी इंटरलिंकिंग परियोजना के राष्ट्रीय परियोजना के रूप में निर्माण के संबंध में विस्तार से चर्चा की है। उन्होंने कहा कि बस्तर संभाग लंबे समय से नक्सल प्रभावित रहा है, इसी वजह से संभाग सिंचाई साधनों के विकास में पिछड़ गया है, संभाग में सिंचाई साधनों की समस्या को दूर करने और चहुमुखी विकास को बढ़ावा देने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार बहुउद्देशीय बोधघाट बांध परियोजना और इंद्रावती-महानदी लिंक परियोजना पर काम कर रही है।

CG News: मुख्यमंत्री ने कहा है कि बस्तर क्षेत्र के चहुमुखी विकास के लिए बोधघाट बहुउद्देशीय बांध परियोजना निर्णायक परियोजना साबित होगी। यह परियोजना, लंबे समय से इन्द्रावती नदी पर प्रस्तावित है। इंद्रावती, गोदावरी नदी की बड़ी सहायक नदी है। गोदावरी जल विवाद अभिकरण के वर्ष 1980 के अवॉर्ड में भी अन्य योजनाओं के साथ इस परियोजना का उल्लेख है। इस अवॉर्ड में उल्लेखित अन्य परियोजनाओं का क्रियान्वयन दूसरे राज्यों द्वारा किया जा चुका है परंतु दूरस्थ अंचल में होने एवं नक्सल समस्या के कारण इस परियोजना को प्रारंभ नहीं किया जा सका।

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बस्तर के विकास की रफ्तार होगी डबल

बहुउद्देशीय बोधघाट बांध परियोजना से संभाग में सिंचाई साधनों का दायरा बढ़ने के साथ ही बस्तर के विकास को डबल रफ्तार मिलेगी। इस परियोजना से 125 मेगावाट का विद्युत् उत्पादन, 4824 टन वार्षिक मत्स्य उत्पादन जैसे अतिरिक्त रोजगार, खरीफ एवं रबी मिलाकर 3,78,475 हेक्टेयर में सिंचाई विस्तार एवं 49 मि.घ.मी पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित हो सकेगा। वही इंद्रावती- महानदी इंटरलिंकिंग परियोजना से कांकेर जिले की भी 50,000 हेक्टेयर भूमि में सिंचाई सहित कुल 3,00,000 हेक्टेयर से अधिक भूमि में सिंचाई सुविधा उपलब्ध हो सकेगी। बस्तर को विकसित और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में दोनों परियोजना एक महत्वपूर्ण कदम होगा।

क्या है बहुउद्देशीय बोधघाट बांध परियोजना?

बहुउद्देशीय बोधघाट बांध परियोजना, गोदावरी नदी की बड़ी सहायक इन्द्रावती नदी पर प्रस्तावित है। राज्य में इन्द्रावती नदी कुल 264 कि. मी. में प्रवाहित होती है। यह परियोजना दंतेवाड़ा जिले के विकासखंड एवं तहसील गीदम के ग्राम बारसूर से लगभग 8 कि.मी. एवं जगदलपुर शहर से लगभग 100 कि. मी. दूरी पर प्रस्तावित है।

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परियोजना की विशेषताएं

दोनों परियोजनाओं की अनुमानित लागत 49000 करोड़ रूपए है। जिसमें इंद्रावती-महानदी लिंक परियोजना की लागत लगभग 20 हजार करोड़ रूपए एवं बहुउद्देशीय बोधघाट बांध परियोजना में लगभग 29 हजार करोड़ रुपए की लागत संभावित है। जिसमें हाइड्रोपावर इलेक्ट्रोमैकेनिकल कार्य, सिविल कार्य (सिंचाई) भी शामिल हैं। इस परियोजना में उपयोगी जल भराव क्षमता 2009 मि.घ.मी, कुल जल भराव क्षमता 2727 मि.घ.मी, पूर्ण जल भराव स्तर पर सतह का क्षेत्रफल 10440 हेक्टेयर सम्भावित है।

इन जिलों का होगा लाभ

बहुउद्देशीय बोधघाट बांध परियोजना से दंतेवाड़ा, बीजापुर, सुकमा जिले के 269 गांवों को बड़ा लाभ होगा। जबकि इंद्रावती-महानदी इंटरलिंकिंग परियोजना से कांकेर जिले के अनेकों गांवों में सिंचाई सुविधा का विस्तार हो सकेगा। बस्तर संभाग को विकसित, आत्मनिर्भर और सक्षम बनाने की दिशा में दोनों परियोजना एक महत्वपूर्ण कदम होगा।

बोधघाट बहुउद्देशीय परियोजना क्या है?

यह परियोजना इंद्रावती नदी पर प्रस्तावित एक बहुउद्देशीय जल परियोजना है, जिससे सिंचाई, बिजली उत्पादन, मत्स्य पालन और पेयजल आपूर्ति जैसे कार्य होंगे।

इंद्रावती-महानदी लिंक परियोजना का उद्देश्य क्या है?

इस परियोजना के अंतर्गत इंद्रावती नदी को महानदी से जोड़ा जाएगा, जिससे अतिरिक्त जल संसाधनों का उपयोग कर सिंचाई क्षेत्र का विस्तार किया जा सकेगा।

इन परियोजनाओं से किन जिलों को लाभ मिलेगा?

बोधघाट परियोजना से दंतेवाड़ा, बीजापुर, सुकमा को लाभ मिलेगा जबकि लिंक परियोजना से कांकेर जिले को मुख्यतः लाभ होगा।

परियोजनाओं की लागत कितनी है?

दोनों परियोजनाओं की कुल अनुमानित लागत लगभग ₹49,000 करोड़ है।

क्या ये परियोजनाएं नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में लागू होंगी?

हाँ, ये परियोजनाएं बस्तर जैसे नक्सल प्रभावित इलाकों में लागू होंगी जिससे क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास में तेजी आएगी।