रायपुरः Anti-Naxal operation in Chhattisgarh नक्सलवाद के सफाए को लेकर मार्च 2026 का टारगेट तय है। कांग्रेस बार-बार कभी इस 2026 के लक्ष्य पर, कभी एंनकाउंटर पर तो कभी सरेंडर पर सवाल उठाती रही है, लेकिन अब बीजेपी ने खुलकर कांग्रेस को नक्सलवाद की संरक्षक और पोषक बताते हुए घेरना शुरू किया है। पहली नवंबर को प्रधानमंत्री ने मंच से कांग्रेस को जमकर वार किया तो कांग्रेस ने पलटवार में झीरम-2 की साजिश का संगीन आरोप लगाकर सनसनी फैलाने का प्रयास किया है। सवाल ये है कि जिस नक्सल अटैक में प्रदेश कांग्रेस ने अपनी तत्कालीन टॉप लीडरशिप को खो दिया, जिसके सियासी षड़यंत्र होने के सुबूत कांग्रेस अब तक सामने नहीं ला पाई? क्या उसी झीरम कांड को लेकर कांग्रेस के मौजूदा आरोप में कोई सच्चाई या दम है?
Anti-Naxal operation in Chhattisgarh प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रजत जयंती वर्ष में राज्योत्सव 2025 की शुरूआत करते हुए मंच से नक्सलवाद पर तीखा प्रहार किया। डबल इंजन सरकार 2026 तक नक्सलवाद से देश-प्रदेश को मुक्त करेगी। इस दावे के साथ-साथ PM मोदी ने विपक्ष पर तंज कसा कि जिस नक्सलवाद के खात्मे के लिए हम लड़ रहे हैं, उसे कांग्रेस ने पाला-पोसा है। प्रदेश के कैबिनेट मंत्रियों ने भी प्रधानमंत्री के बयान का समर्थन करते हुए कांग्रेस को नक्सलवाद की संरक्षक बताते हुए जमकर घेरा।
कांग्रेस पर हुए चौतरफा जुबानी हमले का जवाब दिया पीसीसी चीफ दीपक बैज ने बैज ने सीधे-सीधे डबल इंजन सरकार से पूछा कि एक साथ हो रहे सरेंडर के दौरान सरकार और नक्सलियों के बीच क्या गोपनीय डील हो रही है, कहीं झीरम-2 करने का इरादा तो नहीं? दरअसल, विपक्ष इस बात को लेकर बेहद खफा है कि नक्सलवाद के खात्मे का पूरा क्रेडिट बीजेपी ले रही है। कांग्रेस बार-बार एनकाउंटर और सरेंडर पर सवाल दागती रही है। अब प्रधानमंत्री ने कांग्रेस को नक्सलवाद की पोषक बताते हुए नक्सलवाद की समाप्ति पर कांग्रेस को बौखलाया हुआ बताया है। सवाल है कि सरकार पर झीरम-2 साजिश के आरोप लगाने के पीछे क्या कांग्रेस के पास कोई तथ्य हैं या वाकई ये विपक्ष की बौखलाहट है?