रायपुर। conversion in chhattisgarh छत्तीसगढ़ में इन दिनों धर्मांतरण के मुद्दे पर बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही दलों के नेता आरपार के मूड में दिख रहे हैं। सरकार को साजिश की बू आ रही है और इसीलिए उपद्रवियों से निपटने के लिए रासुका लागू कर दिया गया है। लेकिन रासुका को बीजेपी अघोषित आपातकाल बता रही है।
conversion in chhattisgarh अमन पसंद छत्तीसगढ़ को ये हो क्या गया है? नारायणपुर हिंसा के बाद गृह विभाग को प्रदेश के 31 जिलों से साजिश के इनपुट मिले हैं। इससे निपटने के लिए सरकार ने कलेक्टरों और एसपी को रासुका यानी राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई का अधिकार दे दिया है। लेकिन रासुका का गजट नोटिफिकेशन आते ही बीजेपी को आपातकाल की याद आने लगी है।
बीजेपी के इन आरोपों पर कांग्रेस ने केंद्र की मोदी सरकार को कठघरे में खड़ा कर दिया। सीएम भूपेश बघेल ने पूछा कि देश में इमरजेंसी लागू है.. इस पर कोई क्यों नहीं बोलता? पीसीसी चीफ मोहन मरकाम ने भी बीजेपी नेताओं केंद्र से सवाल करने की नसीहत दे डाली।
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बहरहाल, सवाल है कि रासुका लागू करने की जरूरत क्यों पड़ी..क्या वाकई में छत्तीसगढ़ की फिजा में सांप्रदायिकता की जहर घोली जा रही है और यदि ऐसा है तो इस साजिश के पीछे कौन है? क्या वास्तव में ये मुद्दा धर्म और कानून से जुड़ा है या फिर इस पर कोरी चुनावी राजनीति हो रही है? शायद ऐसे मौकों के लिए ही शायर इफ्तिखार आरिफ ने कहा है- कहानी आप उलझी है या उलझाई गई है। ये राज तब खुलेगा जब तमाशा खत्म होगा।