Dantewada News :प्रशासन से गुहार लगा-लगाकर थक हार गए ग्रामीण, अब खुद करने लगे ऐसा काम कि बन गई मिसाल
छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा और बीजापुर जिले की सीमा पर बसे अबूझमाड़ के ग्रामीणों ने नक्सल प्रभाव वाले इलाके में विकास की नई मिसाल पेश की है। सड़क न होने से वर्षों से परेशान ग्रामीणों ने अब स्वयं श्रमदान कर सड़क निर्माण शुरू किया है। पहले जहां नक्सल भय और बुनियादी सुविधाओं की कमी थी, अब वहीं के लोग अपने दम पर परिवर्तन की राह बना रहे हैं।
Dantewada News
- अबूझमाड़ के ग्रामीणों ने प्रशासन का इंतजार छोड़ा, खुद बनाई सड़क।
- सड़क न होने से गर्भवती महिलाओं और बीमारों को उठाकर ले जाना पड़ता था
- नक्सल छाया घटने के साथ ग्रामीण विकास की ओर बढ़ रहे हैं।
दंतेवाड़ा : अबूझमाड़ में ,जहां कभी नक्सल खौफ के कारण बुनियादी सुविधाओं की कल्पना भी दूर की बात थी। आज वहां ग्रामीण मिल कर एक नई तस्वीर गढ़ रहे हैं। वर्षों तक प्रशासन से गुहार लगाने के बाद भी सड़क ना बनने से निराश ग्रामीणों ने आखिरकार खुद ही परिवर्तन की पहल की है। दंतेवाड़ा और बीजापुर जिले के सरहद पर बसे गांव आधा दर्जन गांवों के सैकडों ग्रामीणों ने श्रमदान कर सड़क निर्माण का काम शुरू किया है। यह जज़्बा अबूझमाड़ के विकास की नई कहानी लिख रहा है
सड़क न होने कारण होती थी तकलीफें
Dantewada News दरअसल दंतेवाड़ा और बीजापुर जिले के सरहद पर बसे कौशलनार, तुमरीगुंडा, करका जैसे आधा दर्जन गांवों के पास सड़क जैसी आम सुवीधा नहीं था। ग्रामीण बताते हैं कि सड़क न होने से उनकी रोजमर्रा की जिंदगी बेहद कठिन थी। राशन के लिए उन्हें मीलों सफर करके जंगल और पहाड़ियों को पार करते हुए पैदल जाना पड़ता था। कई बार गर्भवती महिलाओं, बुजुर्गों और बीमार ग्रामीणों को कंधे पर उठाकर अस्पताल ले जाना पड़ता था। एम्बुलेंस उनके गांवों तक पहुंच ही नहीं पाती थी। इलाज के अभाव में कई ग्रामीणों ने समय पर चिकित्सा न मिलने के कारण अपनी जान भी गंवाई है थी।
Dantewada News इन्हीं परेशानियों से अब बाहर निकालने के लिए इन गांव के सैकडों ग्रामीणों ने खुद ही मिल कर सड़क निर्माण का काम शुरू कर दिया है। ताकि उन्हें इन परेशानियों का सामना दोबारा न करना पड़े। नक्सलवाद का साया जैसे जैसे छंट रहा है लोग बुनियादी सुविधाओं की चाह में अब आगे आने लगे हैं।

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