Both Parties on Divyang’s Rape
रायपुर: बच्चियों की सुरक्षा को लेकर सरकारें हर बार बढ़-चढ़कर दावे करती हैं, लेकिन पर रेप की हर नई घटना उसके दावे की पोल खोल देती है। ताजा मामला जशपुर के समर्थ दिव्यांग केंद्र की है, जहां केंद्र के ही दो कर्मचारियों ने हैवानियत को अंजाम दिया। घटना सामने आने के बाद पक्ष और विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप शुरू हो गई है। अगर राजनीतिक बयानबाजी को हम दरकिनार भी कर दें। तो भी घटना के बाद कई सवाल उठ रहे हैं।
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जब रक्षक खुद भक्षक बन जाए तो, बेटियां कैसे सुरक्षित रह पाएंगी? जी हां ये सवाल जशपुर के समर्थ दिव्यांग केंद्र में बच्चियों के साथ दुष्कर्म की घटना के बाद उठ रहा है। केंद्र के ही केयरटेकर और चौकीदार पर आरोप है कि उसने एक दिव्यांग छात्रा के साथ दुष्कर्म किया और 5 अन्य छात्राओं के साथ छेड़छाड़ किया। मानवता को तार-तार करने वाली इस घटना के सामने आने के बाद जशपुर से रायपुर तक हड़कंप मच गया, ताबड़तोड़ कार्रवाई की गई। हालांकि घटना ने प्रदेश की राजनीति को भी गरमा दिया है। बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने राज्य सरकार को सरकार को घेरते हुए कहा कि प्रदेश में बेटियां अब सुरक्षित नही रह गई है। न तंत्र काम कर रहा है न प्रशासन। वहीं प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने भी घटना की निष्पक्ष जांच की मांग की।
बीजेपी के आरोपों पर सत्तारूढ़ कांग्रेस भी जवाबी हमला करने सामने आई। मामले को दुखद बताते हुए प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम ने रमन सिंह को उनके कार्यकाल में हुए झलियामारी कांड की याद दिलाई तो, वहीं सवास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि जो भी हुआ गलत हुआ। ऐसी घटनाओँ पर दंडात्मक कार्यवाई की जानी चाहिए। ताकि इस तरह की घटनाएं दोबारा न हो।
छत्तीसगढ में दिव्यांग बच्चियों के साथ अनाचार का ये पहला मामला नही है, लेकिन बढ़ते अपराध को लेकर पहले से मोर्चा खोल चुकी बीजपी के हाथ सरकार को घेरने एक नया हथियार मिल गया है। हालांकि सच तो ये है कि सरकार चाहे बीजेपी की रही हो या कांग्रेस की। ऐसी घटनाएं होती रही है। लेकिन बड़ा सवाल आज भी वही है कि इस तरह की घटनाएं कब तक मानवता को शर्मसार करती रहेंगी?