Durg News: मानव तस्करी के आरोप में जेल में बंद नन को मिली जमानत, दुर्ग केंद्रीय जेल से रिहा

Durg News: मानव तस्करी और धर्मांतरण के आरोप में गिरफ्तार केरल की 2 ननों को आज NIA अदालत द्वारा ज़मानत दिए जाने के बाद जेल से रिहा कर दिया गया।

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  • Publish Date - August 2, 2025 / 04:35 PM IST,
    Updated On - August 2, 2025 / 06:34 PM IST

Durg News, image source: ibc24

HIGHLIGHTS
  • देश नहीं छोड़ना और अपना पासपोर्ट जमा करना शर्तों में शामिल
  • मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने मुद्दे का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया

दुर्ग: Durg News, छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले की एक विशेष अदालत से जमानत मिलने के बाद शनिवार को केरल की दो ननों को दुर्ग केंद्रीय जेल से रिहा कर दिया गया। जेल के बाहर से प्राप्त तस्वीरों में देखा जा सकता है कि वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) के सांसदों, भारतीय जनता पार्टी की केरल इकाई के अध्यक्ष राजीव चंद्रशेखर समेत केरल के कई नेताओं ने कैथोलिक नन प्रीति मैरी और वंदना फ्रांसिस का स्वागत किया।

छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश (राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए)-अदालत) सिराजुद्दीन कुरैशी की विशेष अदालत ने मानव तस्करी और जबरन धर्मांतरण के आरोप में गिरफ्तार दोनों ननों और एक अन्य व्यक्ति को शनिवार को इस शर्त पर जमानत दे दी कि वे अपने पासपोर्ट जमा कर दें तथा देश छोड़कर न जाएं।

देश नहीं छोड़ना और अपना पासपोर्ट जमा करना शर्तों में शामिल

बचाव पक्ष के वकील अमृतो दास ने बताया कि अन्य शर्तों में 50 हजार रुपये का मुचलका जमा करना, देश नहीं छोड़ना और अपना पासपोर्ट जमा करना शामिल है। वकील दास ने कहा कि उन्हें जांच में भी सहयोग करना होगा। उन्होंने आगे कहा कि कुछ और शर्तें भी हैं, लेकिन अंतिम आदेश अभी प्राप्त नहीं हुआ है।

रेलवे पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि बजरंग दल के स्थानीय पदाधिकारी की शिकायत पर 25 जुलाई को शासकीय रेल पुलिस ने नन प्रीति मैरी और वंदना फ्रांसिस के साथ सुकमन मंडावी नामक एक व्यक्ति को दुर्ग रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार किया था। बजरंग दल के पदाधिकारी ने ननों और मंडावी पर नारायणपुर की तीन लड़कियों का जबरन धर्म परिवर्तन और उनकी तस्करी करने का आरोप लगाया था।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने मुद्दे का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया

ननों की गिरफ्तारी के बाद राजनीतिक आरोपों का दौर शुरू हो गया था। कांग्रेस और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने पुलिस कार्रवाई की आलोचना की, वहीं छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने दोनों पार्टियों पर इस मुद्दे का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया।

इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, ‘यह एक कानूनी प्रक्रिया थी और इसमें जमानत दी गई है।’ इस बीच, मामले की कथित पीड़ित तीन युवतियां नारायणपुर जिला मुख्यालय स्थित पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचीं और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने की मांग की।

बजरंग दल के इन कार्यकर्ताओं पर कथित तौर पर युवतियों पर हमला करने और उन्हें दुर्ग राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) के सामने ननों के खिलाफ झूठे बयान देने के लिए मजबूर करने का आरोप है।

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