World Suicide Prevention Day 2025: हर साल 500 से ज्यादा आत्महत्याएं! अकेलेपन और डिप्रेशन ने छीनी ज़िंदगियां, छत्तीसगढ़ के इस जिले की ये सच्चाई आपको अंदर से हिला देगी
World Suicide Prevention Day 2025: हर साल 500 से ज्यादा आत्महत्याएं! अकेलेपन और डिप्रेशन ने छीनी ज़िंदगियां, छत्तीसगढ़ के इस जिले की ये सच्चाई आपको अंदर से हिला देगी
World Suicide Prevention Day 2025/Image Source: IBC24
- दुर्ग में हर साल 500 से ज्यादा आत्महत्याएं,
- अकेलेपन और डिप्रेशन ने छीनी ज़िंदगियां,
- बढ़ते मामलों पर पुलिस की संवेदनशील पहल,
दुर्ग : Durg News: हमें ज़िंदगी एक बार मिलती है और इस जीवन को अच्छे से जीने की ज़िम्मेदारी भी हमारी है। लेकिन कई लोग ऐसे भी होते हैं जो अंदर से टूट जाते हैं और हिम्मत हारकर अपनी ज़िंदगी को अपने हाथों से ही समाप्त कर लेते हैं। वे यह नहीं समझ पाते कि ज़िंदगी दोबारा नहीं मिलेगी और हमें इसे बेहतर ढंग से जीना है। दुर्ग ज़िले में अगर आत्महत्या की बात करें तो साल भर में 500 से ज़्यादा लोग सुसाइड कर रहे हैं। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण यह सामने आया है कि जब वे आत्महत्या के बारे में सोचना शुरू करते हैं, तब तक वे इतने अकेले हो जाते हैं कि उनका दर्द बाँटने वाला कोई नहीं होता। धीरे-धीरे वे डिप्रेशन में चले जाते हैं और अंततः आत्महत्या तक पहुँच जाते हैं। World Suicide Prevention Day 2025
World Suicide Prevention Day 2025: वर्ल्ड सुसाइड प्रिवेंशन डे के मौके पर दुर्ग पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे डिप्रेशन में रहने वाले अपने आस-पास के लोगों को ऐसा माहौल दें, जिससे वे अपनी ज़िंदगी को इस तरह समाप्त करने का विचार भी न करें। देखिए इस खास दिवस पर सुसाइड को रोकने के लिए दुर्ग पुलिस की क्या है ख़ास पहल। दुर्ग ज़िले के आँकड़ों पर नज़र डालें तो पिछले 3 सालों में हर वर्ष औसतन 500 से ज़्यादा लोग आत्महत्या करते हैं। 2025 में जनवरी से अगस्त तक ही 326 लोग आत्महत्या कर चुके हैं। यह स्पष्ट है कि शेष बचे चार महीनों में यह आँकड़ा 500 तक पहुँच सकता है। Durg News
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World Suicide Prevention Day 2025: एडिशनल एसपी सुखनंदन राठौर का कहना है कि आत्महत्या का निर्णय अचानक नहीं होता। सुसाइड करने वाले व्यक्ति का व्यवहार धीरे-धीरे बदलने लगता है वह हताशा की ओर बढ़ता है। ऐसे में ज़रूरी है कि आप अपने करीबी लोगों के व्यवहार में आए असामान्य बदलाव को नज़रअंदाज़ न करें। ऐसे लोगों को आप भावनात्मक सहारा देकर आत्महत्या करने से बचा सकते हैं। Durg News

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