Pendra News: रीपा के जरिए हो रहा भ्रष्टाचार, बल्ब ईकाई के नाम पर हुआ लाखों का घोटाला, उठे कई सवाल

Pendra News: रीपा के जरिए हो रहा भ्रष्टाचार, बल्ब ईकाई के नाम पर हुआ लाखों का घोटाला, उठे कई सवाल

  • Reported By: Sharad Agrawal

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  • Publish Date - January 14, 2024 / 03:18 PM IST,
    Updated On - January 14, 2024 / 03:40 PM IST

Pendra News

पेंड्रा। Pendra News: गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले में रीपा के जरिए भ्रष्टाचार का अनूठा मामला सामने आया है जिसमें अधिकारियों के द्वारा रीपा में बल्ब इकाई के नाम पर लाखों रूपए के बल्ब आधी अधूरी संचालित यूनिट से खरीदवाने का कारनामे को अंजाम दिया है। दरअसल यहां मरवाही जनपद पंचायत के अंतर्गत डोंगरिया गांव में पूर्व की सरकार के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट रीपा के तहत एलईडी और सोलर लाईट इंकाई की स्थापना की गई। जिसका संचालन समूह के माध्यम से होता है। अभी यह यूनिट ठीक से शुरू भी नहीं हो सकी है और अक्सर यहां ताला ही लटका रहता है और बंद के जैसे ही दिखाई देता है। जिसके बाद जिला पंचायत डीआरडीए के माध्यम से आदेश जारी किया गया कि जिले की ग्राम पंचायतों को इसी यूनिट से सोलर लाईट और एलईडी लाईट खरीदी जाए जिसके पीछे तर्क यह दिया गया कि इस समूह से सोलर लाईट और एलईडी खरीदने से शासन की योजना का सफल क्रियान्वयन हो सके।

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करते थे लाखों का घोटाला

वहीं अधिकारियों के इसी आदेश और दबाव के चलते अब ग्राम पंचायतों में इसी यूनिट के माध्यम से लाखों की खरीदी किया जाना बतलाया जा रहा है जबकि हकीकत में यह यूनिट का संचालन समुचित तरीके तक से नहीं हो रहा है। ऐसे में जिले की ग्राम पंचायतों में लाखों रूपयों की खरीदी बिना टेंडर के और इस यूनिट के नाम पर करते हुए लाखों का घोटाला किया जा रहा है और तो और हद तो तब हो गई कि इधर खरीदी की जा रही है। वहीं इस यूनिट के रीपा समूह को कलेक्टर के द्वारा डीएमएफ के तहत समूह को बल्ब बनाने और उत्पादन के लिए प्रशिक्षण दिए जाने के नाम पर 19 लाख 79 हजार रूपए की राशि जनपद पंचायत मरवाही के सीईओ को जारी किया गया।

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Pendra News: वहीं 2 अगस्त 2023 को जारी इस पत्र के अनुसार इस प्रशिक्षण की अवधि 300 दिन की होगी यानि साफ है कि अब तक प्रशिक्षण भी पूर्ण नहीं हुआ होगा और तब सवाल उठता है कि सीईओ के द्वारा प्रशिक्षण दिया जाता तब उत्पादन होता और उसके बाद खपत होती पर यहां तो सब एक साथ हो रहा है ऐसे में टेंडर प्रकिृया से बचने के लिए रीपा का आड़ लिया गया और इस घोटाले को अंजाम दिया जा रहा है जिसको लेकर अब कई सवाल उठ रहे हैं वहीं अधिकारी अब अपनी दलील देकर बचते नजर आ रहे है जबकि समिति के लोग खुद कह रहे हैं कि दशहरा के पहले से ही यूनिट बंद पड़ी है और सप्लाई होती तो हमको पता होता।

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