सारे जमीं पर! ‘हर घर तिरंगा अभियान’ Vs ‘तिरंगा पदयात्रा’! कांग्रेस और भाजपा के इन कार्यक्रमों से किसको कितना होगा फायदा?

'Har Ghar Tiranga Abhiyan' and 'Tiranga Padyatra'

सारे जमीं पर! ‘हर घर तिरंगा अभियान’ Vs ‘तिरंगा पदयात्रा’! कांग्रेस और भाजपा के इन कार्यक्रमों से किसको कितना होगा फायदा?
Modified Date: November 29, 2022 / 08:02 pm IST
Published Date: August 10, 2022 11:40 pm IST

(रिपोर्टः सौरभ सिंह परिहार ) रायपुर : इस साल देश की आजादी अमृत महोत्सव मना रहा है। जिसके तहत साल भर से कई कार्यक्रम जारी है। केंद्र की मोदी सरकार ने सभी को घर पर तिरंगा लहराने की अपनी की है। जिसके बाद भाजपा हर-घर तिरंगा अभियान शुरू कर चुकी है तो कांग्रेस भी पीछे नहीं है, पार्टी ने तिरंगा यात्रा के तहत अपने नेताओँ को 75 किमी की पदयात्रा पर की शुरूआत की है। दोनों पक्षों का दावा है तिरंगे का सम्मान वो सबसे ज्यादा करते हैं। दरअसल सबसे बड़ा सवाल ये कि कांग्रेस और भाजपा के इन कार्यक्रमों से किसको कितना होगा फायदा?

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आजादी के 75वीं वर्ष में सारा देश उत्सव की तैयारी में जुटा है। केंद्र सरकार और भाजपा ने हर घर तिरंगा अभियान चलाया हुआ है। जिसके तहत भाजपा लोगों से अपील कर रही है कि 13 से 15 अगस्त तक सभी अपने-अपने घरों और प्रतिष्ठानों पर तिरंगा लहरा कर आजादी का जश्न मनाएं। वहीं, जवाब में कांग्रेस ने भी देशभर में तिरंगा यात्रा की शुरूआत की है जिसके तहत 14 अगस्त तक कांग्रेस के सभी विधायक और पदाधिकारी अपने-अपने क्षेत्र में 75 किमी की तिरंगा पदयात्रा पर निकले हुए हैं। साथ ही दोनों दल ये भी जता रहे हैं कि उनका अभियान सच्ची राष्ट्रभक्ति है।

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वैसे दोनों दल जनता के बीच सक्रिय हैं। उसकी बड़ी वजह 2023 के विधानसभा चुनाव हैं। जिसका असर पार्टियों के भीतर और बाहर साफ दिख रहा है। तिरंगा यात्रा के दौरान कांग्रेसी विधायक अपने क्षेत्र की जनता से मिलकर राज्य सरकार के काम-काज का प्रचार प्रसार कर रहे हैं। तिरंगा अभियान के बहाने भाजपा मोदी सरकार की उपलब्धियों को जनता तक पहुंचा रही है। दोनों दलों का दावा ये भी है कि जनता उनके साथ है।

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जाहिर तौर पर दोनों सियासी दल राष्ट्रभक्ति की अलख जगाने की मुहिम के बहाने सीधे जनता से जुड़ना चाहते हैं। अपनी-अपनी सरकारों के कामों को जनता के बीच पहुंचाना चाहते हैं। जिसमें कुछ गलत भी नहीं है। लेकिन राष्ट्रध्वज के नाम पर आरोप-प्रत्यारोप की सियासी बहस क्या जनता को दलों से जोड़कर रख पाएगी?

 


लेखक के बारे में

सवाल आपका है.. पत्रकारिता के माध्यम से जनसरोकारों और आप से जुड़े मुद्दों को सीधे सरकार के संज्ञान में लाना मेरा ध्येय है। विभिन्न मीडिया संस्थानों में 10 साल का अनुभव मुझे इस काम के लिए और प्रेरित करता है। कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रानिक मीडिया और भाषा विज्ञान में ली हुई स्नातकोत्तर की दोनों डिग्रियां अपने कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ने के लिए गति देती है।