Reported By: Saurabh Singh Parihar
,Politics on Hidma Encounter, image source: ibc24
सुकमा: Politics on Hidma Encounter, बीते दिनों नक्सली कमांडर हिड़मा के मारे जाने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। सुरक्षाबलों के साथ नक्सली मुठभेड़ में हिड़मा ढेर हो गया था। इसे लेकर अब पूर्व विधायक मनीष कुंजाम ने आरोप लगाया है कि हिड़मा एनकाउंटर में नहीं ढेर हुआ बल्कि हिड़मा को पकड़ कर मारा गया है।
छत्तीसगढ़ के खूंखार नक्सली हिड़मा की मौत को सुरक्षाबलों की बड़ी उपलब्धि के तौर पर देखा जा रहा है।दूसरी ओर हिड़मा की मौत के बाद एक तरफ नक्सल समर्थकों की ओर से सोशल मीडिया में हिड़मा के समर्थन में पोस्ट किया जा रहा है। वहीं कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने भी इसे लेकर पोस्ट किया है। युवा कांग्रेस की पदाधिकारी ने लाल सलाम कामरेड हिडमा लिखा। इन सभी पर भाजपा नेताओं ने तीखा पलटवार किया है। हिड़मा की मौत पर क्यों हो रही है सियासत, आइए देखते हैं।
नक्सली कमांडर हिड़मा के मारे जाने के बाद पूरे मामले पर सियासत तेज हो गई है। पूर्व विधायक मनीष कुंजाम ने पूरे मामले पर मुठभेड़ को फर्जी बताते हुए नक्सली महासचिव देवजी पर गंभीर आरोप लगाया है। पूर्व विधायक मनीष कुंजाम ने कहा है की हिड़मा को फर्जी मुठभेड़ कर मारा गया है। साथ आंध्र प्रदेश में गिरफ़्तार 50 नक्सलियों की गिरफ़्तारी पर भी मनीष कुंजाम ने सवाल उठाया है और कहा है कि क्या 50 लोग एक साथ गिरफ़्तार होने आंध्र प्रदेश जाएँगे।
पूरे मामले को मनीष कुंजाम ने नाटकीय बताते हुए नक्सल संगठन के महासचिव देवजी पर सरकार व पुलिस के साथ मिलकर हिड़मा को मरवाने का आरोप लगाया है। पूर्व विधायक मनीष कुंजाम ने आरोप लगाते हुए कहा की आंध्र के नक्सली बस्तर में घटित सभी घटनाओं का आरोपी हिड़मा को बनवा दिया और उसे मरवा दिया है। मनीष कुंजाम के इस बयान के बाद पूरे मामले में सियासी घमासान मचने की स्थिति बन गई है।
Politics on Hidma Encounter, छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद का पोस्टर बॉय था हिड़मा…सुरक्षाबल के सैकड़ों जवानों और निर्दोष आदिवासियों की हत्या का जिम्मेदार था हिड़मा… हिड़मा की मौत को नक्सलवाद के खात्मे की दिशा में बड़ी उपलब्धि के तौर पर देखा जा रहा है…लेकिन नक्सल समर्थकों का एक तबका ऐसा भी है, जो हिड़मा की मौत पर सोशल मीडिया में आंसू बहा रहा है। हिड़मा की मौत का महिमामंडन कर जल जंगल जमीन का संरक्षक बताया जा रहा है।
मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने भी पोस्ट में लिखा मैं नक्सली हिंसा का घोर विरोधी हूं। नक्सलियों से समझौता होकर सरेंडर कराया जाए, मैं इसके पक्ष में हूं। वहीं युवा कांग्रेस की राष्ट्रीय पदाधिकारी प्रीति मांझी ने लिखा लाल सलाम कामरेड हिडमा। इस पर छत्तीसगढ़ भाजपा ने लिखा कांग्रेस तैयार कर रही है अर्बन नक्सल। दिग्विजय सिंह के पोस्ट पर नेता प्रतिपक्ष चरण दास महंत ने कहा कि मैं भी यह कहता हूं कि हम सब नक्सलवाद के विरोधी हैं, गोली के जवाब गोली से देना है यह अलग बात है, जब वो गोली चलाएं तो उसका जवाब गोली से देना चाहिए वरना बातचीत कर हल निकालना चाहिए।
Politics on Hidma Encounter, डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने दिग्विजय के पोस्ट पर धिक्कार होने और शर्म आने की बात कही। उन्होंने कहा कि ऐसे लोग तब क्यों सामने नहीं आते जब नक्सली जवानों को या निर्दोष आदिवासियों को मारते हैं। विजय शर्मा ने कहा कि ऐसे लोगों को बस्तर की जनता से हाथ जोड़कर माफी मांगना चाहिए।
झीरम पीड़ित और भाजपा विधायक मोतीलाल साहू ने कहा राहुल गांधी को स्पष्ट करना चाहिए हिड़मा शहीद है या झीरम में मारे गए कांग्रेस के नेता शहीद हैं..? छत्तीसगढ़ भाजपा अध्यक्ष किरणदेव ने कहा है कि कांग्रेस नेताओं के बयान और पोस्ट से पता चलता है वह किन के समर्थक है।
वहीं मध्य प्रदेश के कैबिनेट मंत्री विश्वास सारंग ने कहा दिग्विजय सिंह हर समय देशद्रोहियों के साथ खड़े दिखते हैं। नक्सलियों को समर्थन, आतंकियों को संरक्षण देना और पाकिस्तान परस्ती की बात करना दिग्विजय सिंह की आदत है। दो दिन पहले नक्सलियों से मुठभेड़ में शहीद हुए मध्यप्रदेश के लाल के लिये दिग्विजय सिंह ने एक शब्द नहीं कहा, लेकिन नक्सली के एनकाउंटर पर घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं।
छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई अब निर्णायक अंजाम पर पहुंच गई है। ऐसे समय में नक्सलियों के मारे जाने पर उनके समर्थन में प्रतिक्रियाएं ऐसे लोगों के दोहरे चरित्र को उजागर तो करती ही हैं। इस बात का संकेत भी देती हैं कि सशस्त्र नक्सलवाद भले मार्च 2026 तक खत्म हो जाए, वैचारिक नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई अभी और लंबी चलेगी।