Baba guru ghasidas jayanti 2025: रेलवे स्टेशनों में बजे पंथी गीत तो हर किसी ने किया संत शिरोमणी बाबा गुरु घासीदास का स्मरण.. आज प्रदेशभर में मनाई जा रही हैं जयन्ती

Panthi Song in Railway Station: बाबा गुरु घासीदास की जन्म जयंती के अवसर पर प्रदेश में विशेष उल्लास का माहौल देखने को मिल रहा है। इस बीच सबसे खास और भावनात्मक नजारा प्रदेश के विभिन्न रेलवे स्टेशनों पर देखने को मिला। रेलवे द्वारा एक नई परंपरा की शुरुआत की गई है।

Baba guru ghasidas jayanti 2025: रेलवे स्टेशनों में बजे पंथी गीत तो हर किसी ने किया संत शिरोमणी बाबा गुरु घासीदास का स्मरण.. आज प्रदेशभर में मनाई जा रही हैं जयन्ती

Panthi Song in Railway Station || Image- IBC24 NEWS Archive

Modified Date: December 18, 2025 / 03:20 pm IST
Published Date: December 18, 2025 3:20 pm IST
HIGHLIGHTS
  • 18 दिसंबर को मनाई जा रही बाबा गुरु घासीदास जयंती
  • छत्तीसगढ़ के रेलवे स्टेशनों पर बजा पंथी गीत
  • यात्रियों और आम लोगों में भावनात्मक माहौल

Panthi Song in Railway Station: रायपुर: आज 18 दिसंबर को पूरे छत्तीसगढ़ में महान समाज सुधारक और संत शिरोमणि बाबा गुरु घासीदास की जयंती श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाई जा रही है। यह दिन प्रदेश के लिए एक बड़ा पर्व है। सतनामी समाज द्वारा प्रदेशभर में भव्य रैलियां, भोग-भंडारे और विविध सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। लोग एक-दूसरे को बाबा गुरु घासीदास की जयंती की शुभकामनाएं दे रहे हैं।

Baba guru ghasidas jayanti 2025: मनाई जा रही बाबा गुरु घासीदास की जन्म जयन्ती

Panthi Song in Railway Station: बाबा गुरु घासीदास की जन्म जयंती के अवसर पर प्रदेश में विशेष उल्लास का माहौल देखने को मिल रहा है। इस बीच सबसे खास और भावनात्मक नजारा प्रदेश के विभिन्न रेलवे स्टेशनों पर देखने को मिला। रेलवे द्वारा एक नई परंपरा की शुरुआत की गई है। इससे पहले छठ पर्व पर रेलवे स्टेशनों के अनाउंसमेंट स्पीकरों में छठ गीत और 1 नवंबर को छत्तीसगढ़ स्थापना दिवस पर “अरपा पैरी के धार” गीत बजाया गया था। इसी कड़ी में आज बाबा गुरु घासीदास जयंती के अवसर पर रेलवे स्टेशनों में पंथी गीत बजाया गया। पंथी गीत की मधुर धुन सुनते ही स्टेशन परिसर में मौजूद आम और खास लोगों ने संत शिरोमणि बाबा गुरु घासीदास का स्मरण किया और उन्हें नमन किया। यह पहल लोगों के बीच सामाजिक-सांस्कृतिक चेतना और परंपराओं के सम्मान का संदेश देती नजर आई।

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