पत्थलगांव : जशपुर वन मंडल के जंगलों में 8 अलग अलग दलों में विचरण कर रहे 42 हाथियों को इन दिनों कटहल का मीठा स्वाद लेने और दूर तक पहुंचने वाली इसकी सुंगध ने आसपास के रिहायशी इलाकों में रहने वाले लोगों को आकर्षित कर लिया है। बीते एक महीने में इन हाथियों ने 64 लोगों के घरों को क्षतिग्रस्त किया है।
ये हाथी किसानों की बाड़ी और खेत खलिहानों में कटहल खाने के बाद गांव मे कच्चे घरों को भी तोड़फोड़ कर दिया जिससे बरसात के मौसम में लोगों की बेघर होने की समस्या बढ़ रही है। वन मंडल अधिकारी जितेन्द्र उपाध्याय ने ग्रामीणों को इस समस्या से छुटकारा दिलाने के लिए पके हुए कटहल के फलों को गांव के बाहर ढ़ेर लगाने की सलाह दी है। इस उपाय को करने से अब हाथी गांव में प्रवेश नहीं कर रहे हैं, बल्कि कटहल खाकर बाहर से ही जंगल की ओर लौट जा रहे हैं।
पत्थलगांव, कांंसाबेल क्षेत्र के दर्जन भर से अधिक गांव में इस उपाय के बाद ग्रामीणों को थोड़ी राहत मिली है। जनजातीय सुरक्षा मंच के अध्यक्ष रौशन साय का कहना है कि जंगल के आसपास वाले गांवों से पके हुए कटहल के फलों को बाहर ढ़ेर लगा देने से हाथी इन्हें खाने के बाद वापस जंगल लौट जा रहे हैं। हाथियों से जन धन की हानि को रोकने के लिए वन विभाग का यह प्रयोग सफल रहा है, इसलिये हाथी विचरण वाले क्षेत्र में इस काम को ग्रामीण भी स्वतः प्राथमिकता से करने लगे है।