Publish Date - February 23, 2025 / 02:53 PM IST,
Updated On - February 23, 2025 / 02:55 PM IST
Tomato Capital Jashpur | Image Source | Symbolic
HIGHLIGHTS
छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले को "टमाटर की राजधानी" कहा जाता है
1 रुपये किलो टमाटर बेचने को मजबूर किसान
मंडी में घटी डिमांड, बाहर नहीं पहुंच रहा माल
जशपुर : Tomato Capital Jashpur : छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले को “टमाटर की राजधानी” कहा जाता है, लेकिन इस बार यहां के किसानों के लिए टमाटर की खेती घाटे का सौदा बनती जा रही है। लुड़ेग, झिमकी, चिकनिपानी और रेडे जैसे इलाकों में टमाटर की कीमतें इतनी गिर गई हैं कि किसान अपनी लागत तक नहीं निकाल पा रहे हैं।
Tomato Capital Jashpur : इस बार जशपुर की मंडियों में टमाटर के दाम 1 रुपये प्रति किलो तक गिर चुके हैं। किसान 30-40 रुपये प्रति कैरेट (25-30 किलो) टमाटर बेचने के लिए मजबूर हैं, जिससे उनकी लागत भी पूरी नहीं हो पा रही है। स्थिति यह हो गई है कि कई किसान टमाटर तोड़कर फेंकने को मजबूर हैं।
Tomato Capital Jashpur : बीते एक सप्ताह से मंडियों में टमाटर की मांग लगातार घट रही है। लुड़ेग और बागबहार की टमाटर मंडियों में बड़ी गाड़ियां माल लाने-ले जाने नहीं आ रही हैं। बाहरी राज्यों में टमाटर की आपूर्ति नहीं हो पा रही है, जिससे स्थानीय बाजारों में दाम और गिरते जा रहे हैं। करीब छह साल बाद टमाटर के भाव में इतनी बड़ी गिरावट देखी गई है।
Tomato Capital Jashpur : जशपुर में 1 लाख एकड़ से अधिक क्षेत्र में टमाटर की खेती होती है। करीब 11 हजार किसान टमाटर की खेती से जुड़े हैं। किसान सेठ-साहूकारों से कर्ज लेकर टमाटर उगाते हैं, लेकिन इस बार भाव गिरने से लागत तक नहीं निकल पा रही। अब कई किसान टमाटर की खेती छोड़कर दूसरी फसलों की ओर रुख करने की बात कह रहे हैं। लुड़ेग, झिमकी, चिकनिपानी और रेडे जैसे इलाकों में टमाटर की भरपूर आवक हो रही है, लेकिन कीमतें इतनी कम हैं कि किसान टमाटर को मंडी तक पहुंचाने का खर्च भी नहीं निकाल पा रहे हैं।