Chhattisgarh Latest News: छत्तीसगढ़ के इन गांवो में ईसाई धर्म के पास्टर-पादरी की एंट्री बैन.. धर्मान्तरण के आशंका के चलते ग्रामीणों का फैसला

ग्रामीणों ने गाँव के बाहर बोर्ड लगाते हुए गांव में किसी भी ईसाई धर्म से जुड़े संतों के एंट्री को बैन कर दिया है। ग्रामीणों का दावा है कि धर्मान्तरण का सबसे ज्यादा नुकसान आदिवासियों की परम्परा और संस्कृति पर पड़ रहा है।

Chhattisgarh Latest News: छत्तीसगढ़ के इन गांवो में ईसाई धर्म के पास्टर-पादरी की एंट्री बैन.. धर्मान्तरण के आशंका के चलते ग्रामीणों का फैसला

Chhattisgarh Latest News || Image- IBC24 News File

Modified Date: August 7, 2025 / 02:35 pm IST
Published Date: August 7, 2025 2:34 pm IST
HIGHLIGHTS
  • भानुप्रतापपुर के दो गांवों में पादरियों की एंट्री बैन
  • धर्मांतरण को लेकर ननों की गिरफ्तारी पर मचा राजनीतिक बवाल
  • ग्रामीणों ने बोर्ड लगाकर ईसाई संतों को रोका गांव में

Christian pastors banned in Bhanupratappur: कांकेर: प्रदेश में इन दिनों कथित धर्मांतरण और मतांतरण को लेकर सियासत अपने चरम पर है। पिछले दिनों छत्तीगसढ़ की पुलिस ने दुर्ग रेलवे स्टेशन से दो नन और एक अन्य समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया था। दावा किया गया था कि, वे धर्मान्तरण की नियत से बस्तर के आदिवासी लड़के-लड़कियों को अन्य राज्य ले जा रहे है। हिंदूवादी संगठन बजरंग दल इस मामले में मुखरता से सामने आया था।

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ननों की गिरफ्तारी पर सियासत

ननों की गिरफ्तारी की सूचना आम होते ही इसपर सियासी बयानबाजियां तेज हो गई। केरल से जनप्रतिनिधियों की टीम ने दुर्ग का दौरा किया और गिरफ्तार ननों से जेल में मुलाकात। इतना ही नहीं बल्कि संसद में भी इस मामले की गूँज दिखाई दी। सत्ताधारी दल भाजपा ने नेताओं ने जहां इस कार्रवाई को धर्मान्तरण के खिलाफ अभियान बताया था तो वही कांग्रेस ने राज्य सरकार को निशाने पर लेते हुए कहा था कि वह अपनी नाकामियों के छिपाने के लिए इस तरह के हथकंडे अपना रही है।

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गांव में पास्टर्स की एंट्री पर प्रतिबंध

Christian pastors banned in Bhanupratappur: बहरहाल इन सबके बीच कांकेर जिले के भानुप्रतापपुर से एक बड़ी खबर निकलकर सामने आई है। बताया जा रहा है कि, यहां के दो गांव बांसला और जुनवानी के ग्रामीणों ने धर्मान्तरण और मतांतरण की आशंका के बीच ईसाई धर्म से जुड़े पास्टर्स और पादरियों के गांव में प्रवेश पर पूरी तरह से प्रतिबन्ध लगा दिया है।

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ग्रामीणों ने गाँव के बाहर बोर्ड लगाते हुए गांव में किसी भी ईसाई धर्म से जुड़े संतों के एंट्री को बैन कर दिया है। ग्रामीणों का दावा है कि धर्मान्तरण का सबसे ज्यादा नुकसान आदिवासियों की परम्परा और संस्कृति पर पड़ रहा है।


सामान्यतः पूछे जाने वाले प्रश्नः

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