Balodabazar News: बिजली-पानी के लिए सड़क पर उतरे एकलव्य स्कूल के छात्र, कलेक्टर से मिलने 5 KM पैदल चले, प्रशासन की नाकेबंदी भी नहीं रोक सकी

Balodabazar News: बिजली-पानी के लिए सड़क पर उतरे एकलव्य स्कूल के छात्र, कलेक्टर से मिलने 5 KM पैदल चले, प्रशासन की नाकेबंदी भी नहीं रोक सकी

  • Reported By: Sunil Sahu

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  • Publish Date - July 7, 2025 / 02:35 PM IST,
    Updated On - July 7, 2025 / 02:36 PM IST

Balodabazar News | Image Source | IBC24

HIGHLIGHTS
  • बिजली-पानी के लिए सड़क पर उतरे आदिवासी बच्चे,
  • कलेक्टर से मिलने निकले, 5 KM पैदल चले,
  • प्रशासन की नाकेबंदी भी नहीं रोक सकी,

बलौदाबाज़ार: Balodabazar News: ज़िले के एकमात्र एकलव्य आवासीय विद्यालय सोनाखान के बच्चे आज बिजली, पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं को लेकर बलौदा बाज़ार कलेक्टर से मिलने एक बस में सवार होकर निकले थे। जैसे ही बच्चों के कलेक्टर के पास आने की खबर ज़िला प्रशासन को मिली उसके बाद कसडोल एसडीएम, आदिम जाति कल्याण विभाग के सहायक आयुक्त और कसडोल पुलिस के द्वारा नाकेबंदी कर एकलव्य आवासीय विद्यालय के बच्चों को पहले रोका गया फिर उन्हें समझाइश दी गई।

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Balodabazar News: बावजूद इसके आक्रोशित बच्चे नहीं माने और पैदल ही बलौदा बाज़ार की ओर निकल पड़े। एक तरफ बच्चे पैदल चल रहे थे वहीं उनके पीछे एसडीएम, तहसीलदार और पुलिस की टीम चल रही थी। इस बीच बच्चे पैदल ही क़रीब 5 किलोमीटर तय कर चुके थे। घंटों समझाइश के बाद बच्चे डोंगरीडीह गाँव में रुके। बच्चों की ज़िद थी कि वे अपनी बात कलेक्टर के सामने ही रखेंगे। बच्चों की ज़िद के आगे कसडोल एसडीएम को झुकना पड़ा और फिर 4 बच्चों को लेकर एसडीएम कलेक्टर कार्यालय बलौदा बाज़ार रवाना हुए।

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Balodabazar News: इस बीच तमाम स्कूली बच्चे एनएच किनारे सड़क पर ही डटे रहे। जब मीडिया ने बच्चों से बात करनी चाही तो बच्चों ने साफ़ तौर पर मना कर दिया। इतना ही नहीं उसी जगह पर बच्चों की निगरानी कर रहे आदिम जाति कल्याण विभाग के सहायक आयुक्त ऑन कैमरा कहते हैं की मुझे कोई जानकारी नहीं।केंद्र सरकार ने वनांचल क्षेत्र के बच्चों को बेहतर शिक्षा और आवास देने के लिए एकलव्य आवासीय विद्यालय की स्थापना की थी, लेकिन इसकी वर्तमान स्थिति का अंदाज़ा बच्चों के इस आक्रोश से लगाया जा सकता है। इस पूरे मामले का जायज़ा लिया हमारे संवाददाता सुनील साहू ने।

 

एकलव्य विद्यालय सोनाखान के बच्चों ने "कलेक्टर से मिलने" की कोशिश क्यों की?

बच्चों ने स्कूल में बिजली, पानी और अन्य मूलभूत सुविधाओं की कमी को लेकर कलेक्टर से अपनी बात कहने के लिए प्रदर्शन किया।

क्या एकलव्य विद्यालय के बच्चों को "रास्ते में रोका गया"?

हाँ, कसडोल SDM और पुलिस टीम ने बच्चों को रास्ते में रोका और उन्हें समझाने का प्रयास किया, लेकिन वे नहीं माने और पैदल निकल पड़े।

कितने बच्चे "कलेक्टर कार्यालय" तक पहुँच पाए?

प्रशासन की अनुमति के बाद 4 छात्रों को SDM के साथ कलेक्टर कार्यालय भेजा गया, जबकि बाकी छात्र डोंगरीडीह में रुके रहे।

एकलव्य विद्यालय के बच्चों की "मुख्य मांगें" क्या थीं?

बच्चों की मुख्य मांग थी कि उन्हें सुनियोजित बिजली, पानी और रहने की उचित सुविधा मिलनी चाहिए, जो वर्तमान में विद्यालय में नहीं है।

क्या "प्रशासनिक अधिकारी" इस स्थिति से अवगत थे?

मौके पर मौजूद आदिम जाति कल्याण विभाग के अधिकारी ने कैमरे पर कहा कि उन्हें कोई जानकारी नहीं है, जो प्रशासनिक लापरवाही को दर्शाता है।