इस वजह से मारा था राजा रामानुज प्रताप सिंह देव ने आखिरी चीतों को, खुद राजा की पोती ने बताई ये बात ..

  देश में आखिरी चीतों का शिकार 1947 में हुआ था। जिसके शिकारी कोई और नहीं बल्की छत्तीसगढ़ के कोरिया रियासत के राजा रामानुज प्रताप सिंह देव थे। लकिन क्या आप जानते हैं। उन्होने चीतों का शिकार क्यूं किया? और कैसे देश में चीता विलुप्त प्रजाती के रुप में घोषित कर दिया गया।

इस वजह से मारा था राजा रामानुज प्रताप सिंह देव ने आखिरी चीतों को, खुद राजा की पोती ने बताई ये बात ..
Modified Date: November 29, 2022 / 07:57 pm IST
Published Date: September 18, 2022 10:57 am IST

This is the Reason for Last Chita  देश में आखिरी चीतों का शिकार 1947 में हुआ था। जिसके शिकारी कोई और नहीं बल्की छत्तीसगढ़ के कोरिया रियासत के राजा रामानुज प्रताप सिंह देव थे। लकिन क्या आप जानते हैं। उन्होने चीतों का शिकार क्यूं किया? और कैसे देश में चीता विलुप्त प्रजाती के रुप में घोषित कर दिया गया। ये सारी कहानी से पर्दा उठाया है। खुद राजा रामानुज प्रताप सिंह देव की पोती अंबिका सिंह देव ने, अंबिका ने कहा कि उनके दादा ने शौकिया तौर पर चीतों का शिकार नही किया था। गांव को जंगली जानवर से बचाने और कम्यूनिकेशन स्थापित करने के लिए ये कदम उठाना पड़ा था।

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राजा रामानुज प्रताप सिंह देव की पोती ने बताई ये बात 

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अंबिका ने आगे कहा कि प्रधानंत्री नरेंद्र मोदी की चीतों को लेकर यह योजना बेशक काबिले तारीफ है। इससे पर्यटको को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही साथ जैव चक्र में भी स्थिरता आएगी। देश में 8 चीतों की वापसी के साथ ही हर्ष और उल्लास का माहौल है। अफ्रीका से लाए गए चीतों के लिए घास का मैदान अधिक उपयुक्त होता है। अब यह बात देखने लायक होगी कि वो कैसे सर्वाइव कर पाऐंगे। कांग्रेस विधायक ने आगे बताया कि वे बचपन से अपने दादा की कहानिया सुनती आ रही है। आखिरी चीतों के शिकार के वक्त ये सोच कर शिकार कतई नहीं किया गया था कि वे भारत से चीतों का सफाया करना चाहते हैं। बल्कि गांव वालो की रक्षा के लिए यह कदम उठाया था।

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पिता ने किया था बाघो का शिकार 

1920 के दशक में दूरसंचार के लिए टेलीफोन लाइन बिछाई गई थी। ताकि जंगली जानवरो से गांव वालो को बताया जा सके। उस समय गांव में बाघो का आतंक था। जिससे छुटकार दिलाने के लिए, मेरे पिता जी (कांग्रेस विधायक) ने शिकार  किया था। उस समय उनकी उम्र महज 12 साल रखी होगी।

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