रायपुरः Leader of opposition changed सियासत में मैथमेटिक्स और कैमिस्ट्री के संतुलन से जीत का फार्मूला तय होता है। चुनाव कोई भी हो, अलग-अलग समाज और वर्गों को जिसने साध लिया, जीत उसे ही मिलती है और इसी सियासी गणित को देखते हुए छत्तीसगढ़ बीजेपी ने 2023 में पिछड़ा कार्ड खेला है। ये हम नहीं बल्कि हाल ही में बीजेपी में जो बदलाव की बयार चली है, वो साफ-साफ इशारा कर रही है।
Leader of opposition changed बीते 10 दिन के भीतर छत्तीसगढ़ बीजेपी में दो बड़े बदलाव हुए पहले विष्णुदेव साय की जगह बिलासपुर सांसद अरुण यादव को नया प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया। तो अब धरमलाल कौशिक को पार्टी ने रिप्लेस करते हुए नारायण चंदेल को नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी सौंपी है। नई जिम्मेदारी मिलते ही नारायण चंदेल ने कांग्रेस सरकार की नीति और नियत पर सवाल उठाते हुए 2023 में जीत की हंकार भरी। अरुण साव और नारायण चंदेल दोनों ही चेहरे OBC वर्ग से आते हैं। यानी 2023 की तैयारी में जुटी बीजेपी ने सत्ता की चाबी हासिल करने OBC समीकरण पर दांव खेला है. अब ये दांव बीजेपी को 2023 का जंग जिताएगा ये बड़ा सवाल है।
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जाहिर है प्रदेश की बड़ी आबादी ओबीसी वर्ग की है। पिछले विधानसभा चुनाव में इस वर्ग ने कांग्रेस पर भरोसा जताया था। इस बार जिस तरह से बीजेपी ने मिशन 2023 में अपनी जीत पक्की करने के लिए जाति का चक्रव्यूह रच रही है। चुनाव में अभी एक साल का वक्त बचा है ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या 2018 में 14 सीटों पर सिमटी बीजेपी की ये कोशिश रंग लाएगी? क्या इस बार OBC के सहारे वो सत्ता की चाबी हासिल करेगी?
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