नई दिल्ली: चुनावी सरगर्मीं के बीच केंद्र की सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है। केंद्र सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने प्रवर्तन निदेशालय की सिफारिश पर महादेव बुक ऑनलाइन सहित 22 अवैध सट्टेबाजी ऐप्स और वेबसाइटों के खिलाफ ब्लॉकिंग आदेश जारी कर दिया है।
वही अब इस पूरी कार्रवाई के बाद प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल की प्रतिक्रया सामने आई है। अपने एक्स अकाउंट में उन्होंने लिखा ‘आख़िरकार केंद्र सरकार को होश आया और उसने ‘महादेव ऐप’ पर बैन लगाने का फ़ैसला किया। मैं कई महीनों से सवाल पूछ रहा हूं कि सट्टा खिलाने वाले इस ऐप पर केंद्र सरकार बंद क्यों नहीं रही है। मैंने तो यहां तक कहा था कि शायद 28 प्रतिशत जीएसटी के लालच में प्रतिबंध नहीं लग रहा है या फिर भाजपा का ऐप संचालकों से लेन-देन हो गया है।’
सीएम ने आगे लिखा ‘आश्चर्य है कि ईडी महीनों से इस मामले की जांच कर रही है और फिर भी ऐप का संचालन लगातार होता रहा। अब केंद्र सरकार को होश आ ही गया है तो अच्छा है कि इस ऐप के संचालकों को भी दुबई से यथाशीघ्र गिरफ़्तार कर भारत लाया जाए। छत्तीसगढ़ पुलिस ने ही सबसे पहले उनके ख़िलाफ़ लुक-आउट नोटिस जारी किया था. उन्हें छत्तीसगढ़ पुलिस भी रिमांड में लेकर पूछताछ करना चाहेगी क्योंकि यहां तो सबसे पहले उनके ख़िलाफ़ मामले दर्ज हुए हैं।’
आख़िरकार केंद्र सरकार को होश आया और उसने ‘महादेव ऐप’ पर बैन लगाने का फ़ैसला किया.
मैं कई महीनों से सवाल पूछ रहा हूं कि सट्टा खिलाने वाले इस ऐप पर केंद्र सरकार बंद क्यों नहीं रही है. मैंने तो यहां तक कहा था कि शायद 28 प्रतिशत जीएसटी के लालच में प्रतिबंध नहीं लग रहा है या फिर…
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) November 5, 2023
दरसअल यह पूरी कार्रवाई अवैध सट्टेबाजी ऐप सिंडिकेट के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा की गई जांच और उसके बाद छत्तीसगढ़ में महादेव बुक पर छापे के बाद हुई, जिसमें ऐप के गैरकानूनी संचालन का खुलासा हुआ। आरोपी भीम सिंह यादव, जो छत्तीसगढ़ पुलिस बल में एक कांस्टेबल के रूप में कार्यरत हैं और एक असीम दास वर्तमान में हिरासत में हैं, उन्हें धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) की धारा 19 के तहत मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध के लिए गिरफ्तार किया गया है। 3, पीएमएलए, 2002 की धारा 4 के तहत दंडनीय।
केंद्रीय कौशल विकास और उद्यमिता, और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री, श्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा, “छत्तीसगढ़ सरकार के पास आईटी अधिनियम की धारा 69ए के तहत वेबसाइट/ऐप को बंद करने की सिफारिश करने की पूरी शक्ति थी। हालाँकि, उन्होंने ऐसा नहीं किया और राज्य सरकार द्वारा ऐसा कोई अनुरोध नहीं किया गया है, जबकि वे पिछले 1.5 वर्षों से इसकी जाँच कर रहे हैं। दरअसल, ईडी से पहला और एकमात्र अनुरोध प्राप्त हुआ है और उस पर कार्रवाई की गई है। छत्तीसगढ़ सरकार को इसी तरह का अनुरोध करने से किसी ने नहीं रोका।”