रायपुर की सड़क पर लगी लाशों की कतार! देखकर हैरान रह गए लोग, अनुकंपा नियुक्ति की मांग को लेकर प्रदर्शन |Many families demonstrated demanding compassionate appointment

रायपुर की सड़क पर लगी लाशों की कतार! देखकर हैरान रह गए लोग, अनुकंपा नियुक्ति की मांग को लेकर प्रदर्शन

रायपुर की सड़क पर लगी लाशों की कतार! देखकर हैरान रह गए लोग! Many families demonstrated demanding compassionate appointment

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:00 PM IST, Published Date : September 4, 2021/11:40 pm IST

रायपुर: राजधानी में अनुकंपा नियुक्ति की मांग को लेकर कई परिवारों ने प्रदर्शन किया। कफन ओढ़कर सड़क पर लेट गए। करीब डेढ़ महीने से धरना प्रदर्शन कर रहे इन लोगों का कहना है कि घर में कमाने वाले सदस्य के निधन के बाद अब भूखे मरने की स्थित है। ऐसे में उन्हें किसी भी तरह की नौकरी दी जाए।

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सड़क पर रोती बिलखती विधवा महिलाओं और उनके बच्चों की ये तस्वीरें राजधानी रायपुर की है। साथ में उनके परिजन भी हैं। रो-रोकर जब बेहोशी की हालत हो गई तो साथी महिलाओं ने पानी पिलाया। सड़क पर शव की शक्ल में किसी के भाई-बहन तो किसी के बेटा-बेटी लेटे हुए हैं। 21 जुलाई से ऐसे कई परिवार यहां पर जुटे हैं। ये दिवंगत शिक्षकों का परिवार है। इन परिवारों को रोटी देने वाले का निधन शिक्षकों के संविलयन के पहले ही हो चुका है। बाद में पंचायत शिक्षकों का संविलयन तो हो गया लेकिन जिनकी पहले ही अकाल मृत्यु हो गई उन्हें ना तो अनुकंपा नियुक्ति मिली और ना पेंशन का लाभ।

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अनुकंपा नियुक्ति की मांग लेकर पिछले 46 दिन से ये धरने पर बैठी हैं। धरना स्थल से उठकर सप्रे शाला मैदान की सड़क पर आ गई। प्रदर्शन के बाद वापस फिर से धरना देने चली गईं। महिलाओं का कहना है कि वो ढाई साल से मांग कर रही हैं कि योग्यता के हिसाब से सरकार उन्हें काम दे। शिक्षक की योग्यता ना हो तो कम से कम चपरासी की नौकरी दे, जिससे दो वक्त की रोटी की समस्या हल हो जाए।

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घर के अकेले कमाऊ सदस्य की मौत और फिर कोरोना की मार। दिवंगत शिक्षकों का परिवार दोहरी मार से आर्थिक रूप से तबाह हो गया। विधवा और असहाय हो चुके परिवारों के सैकड़ों लोग दूर-दूराज से अपनी मांग लेकर रायपुर पहुंचे हैं। आवेदन और धरना-प्रदर्शन के माध्यम से सरकार तक अपनी बात पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं। देश का भविष्य बनाने निकले और अकाल मौत के शिकार हुए शिक्षकों के परिवार का भविष्य खुद अधर में है।

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