‘ऑपरेशन लोटस’.. बात या बतंगड़? टीएस सिहंदेव को किसने दिया था ऑफर, आखिर उन्होंने क्यों नहीं किया नाम का खुलासा?

'ऑपरेशन लोटस'.. बात या बतंगड़? टीएस सिहंदेव को किसने दिया था ऑफर, Minister TS Singhdev got offers to join other parties

‘ऑपरेशन लोटस’.. बात या बतंगड़? टीएस सिहंदेव को किसने दिया था ऑफर, आखिर उन्होंने क्यों नहीं किया नाम का खुलासा?
Modified Date: June 15, 2023 / 12:08 am IST
Published Date: June 15, 2023 12:08 am IST

सौरभ सिंह परिहार/रायपुर छत्तीसगढ़ के चुनावी संग्राम में जीत के लिए एक दूसरे के नेताओं को अपने पाले में लेने की पॉलिटिक्स भी चल रही है। नंदकुमार साय के कांग्रेस में शामिल होने से ये जाहिर भी हो गया लेकिन टी एस सिंहदेव के एक बयान से प्रदेश में ऑपरेशन लोटस पर चर्चा तेज हो गई है।

Read More : इस टूर्नामेंट में नहीं खेलेंगे ईशान किशन, सामने आई ये बड़ी वजह… 

दरअसल सिंहदेव ने कहा कि कोई जगह नहीं छुटी होगी, जहां से ऑफर नहीं आया होगा। उनके इस बयान ने छत्तीसगढ़ की सियासी फिजा को गरमा दिया है। बीजेपी समेत तमाम दलों से ऑफर मिलने की बात कहकर उन्होंने छत्तीसगढ़ में चुनाव से पहले ऑपरेशन लोटस की चर्चा गरम कर दी। लेकिन कांग्रेस खेमे को उन्होंने ये कहकर राहत दी कि वो कांग्रेस छोड़कर नहीं जाएंगे। सिंहदेव के इस बयान को बीजेपी नेता और पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने ट्वीट कर राजनीतिक शिगूफा बताया है। चंद्राकर ने कहा कि अगर उनके आरोप में सच्चाई है तो बताएं कि कौन कब उनसे मिला है। इस पर सिंहदेव ने ऑपरेशन लोटस जैसी बात से इनकार किया। लेकिन इस पर अडिग हैं कि कई नेताओं ने संपर्क साधा था। वहीं प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि छत्तीसगढ़ में ऑपरेशन लोटस सफल नहीं होगा।

 ⁠

Read More : बागेश्वर धाम पहुंचने से पहले बिगड़ी शिवरंजनी तिवारी की तबीयत, पं.धीरेंद्र शास्त्री से शादी का सपना संजोए एक महीने से कर रही पैदल यात्रा  

वहीं, इस मुद्दे पर भाजपा कांग्रेस पर तंज कस रही है। मानसून मौसम में ठंडक घोलने के लिए तैयार है लेकिन दूसरी ओर, बयानों की तपिश छत्तीसगढ़ के सियासी तापमान को बढ़ाती जा रही है। एक ओर संभागीय सम्मेलन में इस बात का दम भरा गया कि कांग्रेस के जय-वीरू की जोड़ी एक साथ है। कोई मतभेद नहीं तो दूसरी ओर सिंहदेव के बयान ने कांग्रेस के भीतरखाने में सियासत तेज कर दी और दोनों दलों के बीच बयानबाजी भी।

Read More : गंगा जमुना के बाद एक और स्कूल आया विवादों में, बिना मान्यता के चल रहा अल फलाह यूनिक स्कूल 

दरअसल बीते कुछ सालों में भाजपा ने कर्नाटक, गोवा, मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र में ऑपरेशन लोटस के जरिए कांग्रेस की सरकार गिराई थी। लेकिन छत्तीसगढ़ का सत्ता संग्राम भाजपा के लिए आसान नहीं है। इस बीच सिंहदेव के बयान में कोई बात है या केवल बतंगड़, इसकी जवाब सियासत तलाश रही है।


लेखक के बारे में

सवाल आपका है.. पत्रकारिता के माध्यम से जनसरोकारों और आप से जुड़े मुद्दों को सीधे सरकार के संज्ञान में लाना मेरा ध्येय है। विभिन्न मीडिया संस्थानों में 10 साल का अनुभव मुझे इस काम के लिए और प्रेरित करता है। कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रानिक मीडिया और भाषा विज्ञान में ली हुई स्नातकोत्तर की दोनों डिग्रियां अपने कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ने के लिए गति देती है।