रायपुरः Modi Govt Reduced MANREGA Budget मोदी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल के आखिरी बजट में मनरेगा की राशि कम कर दी है। मोदी सरकार ने इसे घटाकर 60 हजार करोड़ रुपया कर दिया है। इसे लेकर सीएम भूपेश ने एक बार फिर भाजपा पर निशाना साधा है। सीएम भूपेश मनरेगा बजट में कटौती को लेकर ट्वीटर पर लिखा कि भारतीय जनता पार्टी का चरित्र मजदूर विरोधी चरित्र है। केंद्र सरकार गरीबों के मुंह से निवाला छीनकर पूंजीपतियों को देते है।
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Modi Govt Reduced MANREGA Budget सीएम बघेल ने ट्वीटर पर लिखा कि जब कोरोना के रूप में मानवता पर बड़ा संकट आया तब मनरेगा जैसी योजना मज़दूरों का संबल बनी, उनकी रीढ़ बनी। इस बार मनरेगा का बजट 89,400 करोड़ रू से घटाकर 60,000 करोड़ रू कर दिया गया। यह भाजपा का मज़दूर विरोधी चरित्र है, जो ग़रीबों के मुँह से निवाला छीनकर पूँजीपतियों को देते हैं।
गौरतलब है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए गए केंद्रीय बजट में ग्रामीण नौकरी गारंटी योजना, महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के लिए बजटीय आवंटन में 14 प्रतिशत की कटौती की है। इसे 2023-24 के लिए घटाकर अब 61,032.65 करोड़ रुपये कर दिया गया है। यह 2022-23 के बजट अनुमान 72034.65 करोड़ रुपये से 14 फीसदी कम है। हालांकि यह 2022-23 के संशोधित अनुमान 89,154.65 करोड़ रुपये से 30 फीसदी कम है। दरअसल, 2022-23 में मनरेगा के लिए बजट अनुमान 72034.65 करोड़ रुपये रखा था, लेकिन सरकार ने 2022-23 के दौरान मनरेगा पर 89,154.65 करोड़ रुपये खर्च किया था।
जब कोरोना के रूप में मानवता पर बड़ा संकट आया तब मनरेगा जैसी योजना मज़दूरों का संबल बनी, उनकी रीढ़ बनी।
इस बार मनरेगा का बजट 89,400 करोड़ रू से घटाकर 60,000 करोड़ रू कर दिया गया।
यह भाजपा का मज़दूर विरोधी चरित्र है, जो ग़रीबों के मुँह से निवाला छीनकर पूँजीपतियों को देते हैं।
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) February 4, 2023