मोदी सरकार ने मनरेगा बजट में चलाई कैंची, सीएम भूपेश बोले- गरीबों के मुंह से निवाला छीनकर पूंजीपतियों को देती है बीजेपी

मोदी सरकार ने मनरेगा बजट में चलाई कैंची : Modi Govt Reduced MANREGA Budget, Congress Leader Bhupesh Baghel said this

मोदी सरकार ने मनरेगा बजट में चलाई कैंची, सीएम भूपेश बोले- गरीबों के मुंह से निवाला छीनकर पूंजीपतियों को देती है बीजेपी
Modified Date: February 4, 2023 / 02:55 pm IST
Published Date: February 4, 2023 2:55 pm IST

रायपुरः Modi Govt Reduced MANREGA Budget मोदी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल के आखिरी बजट में मनरेगा की राशि कम कर दी है। मोदी सरकार ने इसे घटाकर 60 हजार करोड़ रुपया कर दिया है। इसे लेकर सीएम भूपेश ने एक बार फिर भाजपा पर निशाना साधा है। सीएम भूपेश मनरेगा बजट में कटौती को लेकर ट्वीटर पर लिखा कि भारतीय जनता पार्टी का चरित्र मजदूर विरोधी चरित्र है। केंद्र सरकार गरीबों के मुंह से निवाला छीनकर पूंजीपतियों को देते है।

Read More : छत्तीसगढ़ : जिले में इस बीमारी ने बढ़ाई स्वास्थ्य विभाग की चिंता, हजार के पार पहुंची मरीजों की संख्या 

Modi Govt Reduced MANREGA Budget सीएम बघेल ने ट्वीटर पर लिखा कि जब कोरोना के रूप में मानवता पर बड़ा संकट आया तब मनरेगा जैसी योजना मज़दूरों का संबल बनी, उनकी रीढ़ बनी। इस बार मनरेगा का बजट 89,400 करोड़ रू से घटाकर 60,000 करोड़ रू कर दिया गया। यह भाजपा का मज़दूर विरोधी चरित्र है, जो ग़रीबों के मुँह से निवाला छीनकर पूँजीपतियों को देते हैं।

 ⁠

Read More : Surya Gochar 2023: इस दिन गोचर करेंगे सूर्य, बदलेगी इन 3 राशि वालों की किस्मत, रातों-रात हो जाएंगे मालामाल 

गौरतलब है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए गए केंद्रीय बजट में ग्रामीण नौकरी गारंटी योजना, महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के लिए बजटीय आवंटन में 14 प्रतिशत की कटौती की है। इसे 2023-24 के लिए घटाकर अब 61,032.65 करोड़ रुपये कर दिया गया है। यह 2022-23 के बजट अनुमान 72034.65 करोड़ रुपये से 14 फीसदी कम है। हालांकि यह 2022-23 के संशोधित अनुमान 89,154.65 करोड़ रुपये से 30 फीसदी कम है। दरअसल, 2022-23 में मनरेगा के लिए बजट अनुमान 72034.65 करोड़ रुपये रखा था, लेकिन सरकार ने 2022-23 के दौरान मनरेगा पर 89,154.65 करोड़ रुपये खर्च किया था।

 

 


लेखक के बारे में

सवाल आपका है.. पत्रकारिता के माध्यम से जनसरोकारों और आप से जुड़े मुद्दों को सीधे सरकार के संज्ञान में लाना मेरा ध्येय है। विभिन्न मीडिया संस्थानों में 10 साल का अनुभव मुझे इस काम के लिए और प्रेरित करता है। कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रानिक मीडिया और भाषा विज्ञान में ली हुई स्नातकोत्तर की दोनों डिग्रियां अपने कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ने के लिए गति देती है।