Municipal Corporation sent notice to Bajrang Bali
Municipal Corporation sent notice to Bajrang Bali: रायगढ़ । भाजपाईयों ने नगर निगम के अधिकारियों की मानसिकता को दूषित बताते हुए उन्हें इलाज के लिए रांची और आगरा जाने की नसीहत दी और उसके लिए बकायदा रेल्वे का रिजर्वेशन टिकट भी दिया। दरअसल, नगर निगम के द्वारा बजरंग बली को पानी का टैक्स जमा करने के लिए दिए गए नोटिस के मामले ने तूल पकड़ लिया है। मामले को लेकर भाजपा कार्यकर्ताओँ ने गुरुवार को नगर निगम कमिश्नर कार्यालय का घेराव कर दिया। इधर निगम के अधिकारी इसे लिपिकीय त्रुटि बताते हुए संबंधित कर्मचारी पर कार्रवाई की बात कह रहे हैं।
दरअसल, बुधवार को नगर निगम ने वार्ड क्रमांक 18 में स्थित बजरंगबली के मंदिर को दो महीने का जल कर जमा करने नोटिस जारी किया था। नोटिस बकायदा बजरंगबली के नाम से जारी किया गया था। मामले को लेकर भाजपा विरोध पर उतर आई है। भाजपा ने इस मामले को लेकर नगर निगम कमिश्नर कार्यालय का घेराव किया। कमिश्नर के नहीं मिलने से नाराज भाजपाईयों ने कमिश्नर कक्ष के गेट के बाहर ट्रेन का टिकट चस्पा कर जमीन पर बैठकर नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया।
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Municipal Corporation sent notice to Bajrang Bali: भाजपा का कहना था कि निगम के अधिकारियों की मानसिकता दूषित है जिसकी वजह से इस तरह का कृत्य किया जा रहा है। निगम प्रशासन को इस मामले में सार्वजनिक तौर पर माफी मांगनी चाहिए। इतना ही नहीं दोषी अधिकारी पर भी कार्रवाई होनी चाहिए। जिला भाजपा अध्यक्ष उमेश अग्रवाल ने कहा कि कल हिंदू देवी देवताओं के आराध्य बजरंग बली को अमृत मिशन का पैसा पटाने बिल थमाने गया। जब से कांग्रेस आई है तब से लगातार हिंदू देवी देवताओँ का अपमान किया जा रहा है ये सोची समझी साजिश है इसके पहले भगवान शंकर को नोटिस जारी किया गया था। क्या बजरंग बली ने कनेक्शन लिया था…नहीं तो आप हिंदु देवी देवताओ का अपमान कर रहे हैं।
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वहीं इस मामले में कांग्रेस इसे राजनैतिक साजिश करार दे रही है। कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष अनिल शुक्ला का कहना है कि ये एक तकनीकी त्रुटि है जिसे भाजपा धार्मिक रंग देना चाहती है। अगर ये रामभक्त हैं तो 15 साल में रामपथ गमन क्यों नहीं बनाए। भाजपा मुद्दा विहीन हो गई है लिहाजा छोटी तकनीकी त्रुटि को लेकर राजनीतिक रोटी सेंकना चाह रही है। इधर मामले में नगर निगम कमिश्नर ने दोषी अधिकारी को शोकाज नोटिस जारी किया है। उपायुक्त का कहना है कि टंकण त्रुटि की वजह से ऐसा हुआ है, जिसे सुधार कर लिया गया है। कमिश्नर ने उक्त बिल को निरस्त भी कर दिया है।