Bastar Holi 2025: रंगों में घुली नक्सलगढ़ की नई सुबह… जवानों ने अबूझमाड़िया ग्रामीणों के संग खेले होली, लगाए भारत माता की जय के नारे
रंगों में घुली नक्सलगढ़ की नई सुबह...Bastar Holi 2025: The new morning of Naxalgarh was immersed in colors, soldiers and Abujhmadia villagers
Bastar Holi 2025 | Image Source | IBC24
- रंगों में घुली नक्सलगढ़ की नई सुबह,
- जवानों और अबूझमाड़िया ग्रामीणों ने खेले होली,
- लगाए भारत माता की जय’ के नारे,
नारायणपुर: Bastar Holi 2025: बस्तर का सबसे दुर्गम इलाका अबूझमाड़, जिसे कभी नक्सलियों का गढ़ माना जाता था, अब शांति और विकास की ओर तेजी से बढ़ रहा है। हाल ही में सुरक्षा बलों ने कुतुल गाँव में अपना कैंप स्थापित किया और पहली बार अबूझमाड़िया ग्रामीणों के साथ मिलकर होली का जश्न मनाया। इस ऐतिहासिक अवसर पर जवानों और ग्रामीणों के साथ स्कूली बच्चों ने भी भाग लिया, जिससे यह पर्व और भी खास बन गया।
जवानों और ग्रामीणों के संग रंगों का उत्सव
Bastar Holi 2025: सुरक्षा बलों की उपस्थिति से अबूझमाड़ के लोग खुद को पहले से अधिक सुरक्षित महसूस कर रहे हैं। जवानों ने न सिर्फ ग्रामीणों के साथ रंग खेला, बल्कि बच्चों को भी इस उत्सव में शामिल कर उनके चेहरे पर मुस्कान बिखेरी। पूरे वातावरण में हर्ष और उल्लास का संचार था। बच्चों और ग्रामीणों के साथ जवानों ने ढोल-नगाड़ों की थाप पर जमकर नृत्य किया और आपसी भाईचारे का संदेश दिया। IBC24 से बातचीत में जवानों ने ‘मिशन 2026 – नक्सल मुक्त बस्तर’ को जल्द पूरा करने का संकल्प दोहराया। जवानों ने जोश और जुनून के साथ ‘भारत माता की जय’ के नारे लगाए और ग्रामीणों को गले लगाकर कहा – ‘अबूझमाड़िया हमारे भाई हैं।’
बदलाव की ओर बढ़ता बस्तर
Bastar Holi 2025: यह दृश्य न सिर्फ अबूझमाड़ के बदलते हालात को दर्शा रहा है, बल्कि यह भी साबित कर रहा है कि नक्सलवाद के साए से निकलकर अबूझमाड़ के लोग उज्ज्वल भविष्य की ओर बढ़ रहे हैं। सुरक्षा बलों का यह प्रयास अबूझमाड़ में स्थायी शांति और विकास की नई किरण लेकर आया है। अबूझमाड़ में गूँजते ये रंग, मुस्कुराते चेहरे और जवानों का आत्मविश्वास इस बात का संकेत है कि बस्तर अब बदलाव की राह पर चल पड़ा है। ‘मिशन 2026’ के तहत बस्तर को पूरी तरह नक्सल मुक्त करने की योजना पर तेजी से कार्य हो रहा है।

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