पानी-पानी जिंदगानी..सिस्टम की वही कहानी! बारिश ने खोल दी विकास के दावों की पोल |

पानी-पानी जिंदगानी..सिस्टम की वही कहानी! बारिश ने खोल दी विकास के दावों की पोल

The rain exposed the claims of development: छत्तीसगढ़ का ग्रामीण क्षेत्र हो या फिर शहरी क्षेत्र विकास का दावा दोने स्थानों पर किया जाता है...लेकिन हकीकत में विकास की क्या स्थिती होती है...ये बरसात में देखने को मिल सकता है ।

Edited By :   Modified Date:  July 29, 2023 / 11:21 PM IST, Published Date : July 29, 2023/11:21 pm IST

The rain exposed the claims of development: रायपुर। अकूत खनिज संपदा, पानी, जंगल जैसे समृद्ध प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर छत्तीसगढ़ देश के तेजी से विकास वाले राज्यों में सबसे आगे है…आज यहां विकास की नई गाथा लिखी जा रही है…लेकिन इन सब विकास के बीच प्रकृति जब अपना कहर दिखाती है…तो फिर कोई सामने टिक नही पाता है । ताजा उदाहरण उत्तराखंड में देखा जा चुका है..कुछ ऐसा ही नजारा पिछले दो दिनों में छत्तीसगढ़ में देखने को मिल रहा है । सूदूर बस्तर की बात करें या फिर चकाचौंधी वाली राजधानी बारिश ने सभी स्थानों पर विकास की पोल खोल कर रख दी है । बस्तर के सामने जहां बाढ़ का खतरा मंडरा रहा तो वहीं राजधानी रायपुर में बगैर प्लानिंग के निर्माण के कारण जलभराव की स्थिती बन रही है ।

ये तस्वीरें साफ शब्दो में बयां कर रही है की छत्तीसगढ़ में लोगों को विकास की क्या कीमत चुकानी पड़ रही है । हल्की सी बारिश भी आज पूरे छत्तीसगढ़ के लिए खतरा बन जाती है । छत्तीसगढ़ में इन दिनों मॉनसूनी बारिश का कहर देखने को मिल रहा है । बस्तर में बीजापुर और सुकमा में भारी बारीश दर्ज की गई है । इस मॉनसून सीजन की बात करें तो बिजापुर में सामान्य से 66 प्रतिशत और सुकमा में सामान्य से 54 प्रतिशत अधिक बारीश हुई है….इस दोनो जिलों में अधिक बारिश होने से गोदावरी नदी का जलस्तर बढ़ने लगा है…और सुकमा बीजापुर समेत बस्तर के अधिकांश हिस्सों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है ।

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बस्तर संभाग में तेजी से सड़क निर्माण और पुल पुलियों के निर्माण के दावे के बीच कई गांवो का संपर्क टूट गया है । तो वहीं नदियों के किनारे बसे गांवों में जलभराव की स्थिती हो गई है । इस मामलें में सीएम भूपेश बघेल का कहना है की बस्तर में बाढ़ की स्थिती पर सरकार की नजर है । सभी कलेक्टरों को मॉनिटरिंग के निर्देश दिए गए है..साथ ही NDRF और राज्य की आपता प्रबंधन टीम को अलर्ट रहने के लिए कहा गया है ।

बस्तर संभाग के साथ साथ शहरी इलाकों का भी हाल बूरा है । शुक्रवार की रात से लेकर शनिवार की सुबह तक बात करें तो प्रदेश के शहरी इलाकों में भी भारी बारीश दर्ज की गई है । सबसे ज्यादा पेंड्रा रोड में 154 मिलीमीटर, रायुपर में 91 MM, कवर्धा में 63.5 MM, बिलासपुर में 45.5 MM और नया रायपुर में 58 MM बारीश दर्ज की गई । रायपुर में बारिश से पूरी राजधानी जलमग्न हो गई…निचली बस्तियों से लेकर शहर के प्रमुख मार्ग और कॉलोनियों में घुटनों तक पानी भर गया…बारिश से लोगों को काफी परेशानी का सामना करना

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इस मामले में रायपुर के पूर्व कलेक्टर और भाजपा प्रदेश महामंत्री ओ पी चौधरी का कहना है की सरकार और नेताओं को सिर्फ अपने मन की करनी है….अधिकारियों की बात वे सुनते नही है…इसलिए शहर का ये हाल बारीश में अक्सर होता है….राज्य की कांग्रेस सरकार ने शहर की इस समस्या पर अब तक कुछ नही किया है ।

छत्तीसगढ़ का ग्रामीण क्षेत्र हो या फिर शहरी क्षेत्र विकास का दावा दोने स्थानों पर किया जाता है…लेकिन हकीकत में विकास की क्या स्थिती होती है…ये बरसात में देखने को मिल सकता है । छत्तीसगढ़ भाजपा और कांग्रेस दोनों की सरकार रही है…लेकिन जनता की इस समस्या पर अब तक सही तरह से ध्यान नही दिया गया है…यही कारण है की हल्की बारिश होने पर जहां ग्रामिण क्षेत्रों में बाढ़ का खतरा बन जाता है…तो वहीं शहरी क्षेत्रो में जलभराव की स्थिती हो जाती है ।