Petition filed in High Court regarding release of Pangolin locked in Jungle Safari

जंगल सफारी में बंद पैंगोलिन रिहाई को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर, सोमवार को होगी सुनवाई

Petition filed in High Court regarding release of Pangolin locked in Jungle Safari

Edited By :   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:50 PM IST, Published Date : May 26, 2022/9:03 pm IST

बिलासपुरः बस्तर के उमरकोट-जगदलपुर मार्ग पर ओडिशा सीमा से पिछले दिनों बेचने ले जाये जा रहे एक जीवित पैंगोलिन को जप्त कर रायपुर लाकर जंगल सफारी में रखने के मामले में आज छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर की गई। समय अभाव के कारण अब सुनवाई सोमवार को होगी।

रायपुर निवासी याचिकाकर्ता नितिन सिंघवी ने बताया कि वाइल्ड लाइफ इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंडिया ने अपने अध्यन में कहा है कि चींटी दीमक खाने की विशेष आदत के कारण और इनके सामाजिक और प्रजनन की समझ नहीं होने के कारण ये बंधक जीवन नहीं जी पाते। यह जानकारी होने के बावजूद वन विभाग और जंगल सफारी प्रबंधन ने अनुसूची-1 के तहत संरक्षित और आई.सी.यू.एन. की रेड बुक में संकटग्रस्त घोषित भारतीय पैंगोलिन को बंधक बना रखा है और चींटी दीमक जुगाड़ कर के इसे खिला रहे हैं।

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जू अथॉरिटी की अनुशंसा भी नहीं मान रहे छत्तीसगढ़ के अधिकारी

सिंघवी ने बताया कि केंद्रीय जू अथॉरिटी ने वर्ष 2021 में पैंगोलिन के पुनर्वास के लिए मार्गदर्शिका जारी कर रखी है, जिसके तहत जप्त पैंगोलिन को उसी जंगल के घने इलाके में थोड़ा जाना है जहां से उसे पकड़ा गया है, जहां रोड रेल और मानव बस्ती ना हो। सिंघवी ने बताया कि उन्होंने 6 मई को प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी) को पत्र लिखकर बंधक पैंगोलिन को छोड़ने की मांग की थी और यह भी बताया कि वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम के तहत किसी भी अनुसूचि-एक के वन्य जीव को बिना उनके आदेश के बंधक नहीं बनाया जा सकता है। खुद उनके कार्यालय ने बताया है कि पैंगोलिन को बंधक बनाने का आदेश उन्होंने जारी नहीं किया है, इसके बावजूद भी प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी) कोई कार्यवाही नहीं कर रहे हैं और ना ही बंधक पेंगोलिन को छोड़ रहे हैं।

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डीएफओ के आदेश के बिना ही रेंजर ने लाकर छोड़ा जंगल सफारी

पैंगोलिन जप्त करने के बाद, वन परिक्षेत्र अधिकारी करपावंद, जिला बस्तर ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट जगदलपुर को आवेदन देकर कहा की जप्त वन्य प्राणी पैंगोलिन दुर्लभ प्रजाति का वन्य प्राणी है, इसे जंगल में छोड़ने पर ग्रामीणों के द्वारा हानि पहुंचाई जा सकती है, सुरक्षा की दृष्टि से शासन द्वारा वर्तमान में निर्मित जंगल सफारी नया रायपुर में रखना उचित होगा। न्यायिक मजिस्ट्रेट जगदलपुर द्वारा वन परीक्षेत्र अधिकारी के आवेदन पर ही आदेशित किया गया कि प्रकरण में जब्त शुदा वन्यजीव पैंगोलिन को वनमंडल अधिकारी जगदलपुर के माध्यम से जंगल सफारी नया रायपुर में विधि अनुसार रखे जाने की आदेशित किया जाता है। परन्तु वन परीक्षेत्र अधिकारी द्वारा बिना वनमंडल अधिकारी जगदलपुर के आदेश के पैंगोलिन को जंगल सफारी ला कर छोड़ दिया आश्चर्य की बात है कि जंगल सफारी ने उसे डीएफओ जगदलपुर के पत्र के बिना रख भी लिया।

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तस्करी में जप्त सभी वन्यप्राणी जंगल सफारी में रहेंगेॽ

सिंघवी ने बताया कि अगर ऐसा ही चलता रहेगा तो वे वन्यजीव जो तस्करी की दौरान जप्त किये गए वे सब जंगल सफारी में पाए जायेंगे। उन्होंने प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी) को प्रेषित पत्र में बताया गया कि वन परिक्षेत्र अधिकारी द्वारा की गई कार्यवाही पूर्णता विधि विरुद्ध तथा वन्य प्राणियों के विरुद्ध है। परन्तु प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी) ने कोई कार्यवाही नहीं की है।