SarkarOnIBC24 : ‘राम’ का सियासी बंटवारा ! राम मंदिर से दूरी, किसकी क्या मजबूरी?

Ayodhya Ram Mandir : पूरा देश जब राममय हो रहा है, तब राम के नाम पर राजनीति के नए रंग भी देखने को मिल रहे हैं।

SarkarOnIBC24 : ‘राम’ का सियासी बंटवारा ! राम मंदिर से दूरी, किसकी क्या मजबूरी?

Ayodhya Ram Mandir

Modified Date: January 12, 2024 / 11:08 pm IST
Published Date: January 12, 2024 11:08 pm IST

रायपुर : Ayodhya Ram Mandir : पूरा देश जब राममय हो रहा है, तब राम के नाम पर राजनीति के नए रंग भी देखने को मिल रहे हैं। कांग्रेस ने अयोध्या में होने वाले राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के आमंत्रण को अस्वीकार कर दिया है लेकिन पार्टी के अंदर ही कुछ नेताओं के बयान से स्थिति असमंजस की बन गई है।

राम के नाम पर एक बार फिर से देश में सियासी पारा गरमा गया है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे समेत सोनिया गांधी ने अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होने के न्योते को अस्वीकार कर दिया है और बीजेपी को बैठे-बिठाए मुद्दा मिल गया है। बीजेपी कांग्रेस को राम और सनातन विरोधी बता रही है और एक बार फिर से बीजेपी ने पूर्व प्रधानमंत्री नेहरू को निशाने पर लेकर कांग्रेस को घेरा है।

लेकिन ऐसा नहीं है कि पूरी कांग्रेस, पार्टी के इस फैसले के साथ है। कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि राम किसी पार्टी के नहीं है। हमारी लड़ाई राम या अयोध्या से नहीं, बीजेपी से है। कुछ लोग कांग्रेस को वामपंथी रास्ते पर ले जा रहे हैं। हालांकि कांग्रेस नेता इस बयान को उनका निजी बयान बता रहे हैं।

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Ayodhya Ram Mandir :  इधर एमपी में कमलनाथ के बेटे और सांसद नकुलनाथ छिंदवाड़ा में राम महोत्सव की शुरुआत की है। इसके तहत राम नाम लिखा हुआ पत्रक बनाकर अयोध्या भेजे जाएंगे। इस पत्रक में कमलनाथ और नकुलनाथ राम नाम लिखे देखे जा सकते हैं। इधर कर्नाटक में कांग्रेस सरकार ने आदेश दिया है कि प्रदेश के 34 हजार मंदिरों में 22 जनवरी को राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दौरान विशेष पूजन का आयोजन किया जाए।

यानी कांग्रेस की टॉप लीडरशीप भले ही अयोध्या में 22 जनवरी को हो रहे प्राण प्रतिष्ठा में शामिल नहीं हो रही है लेकिन अलग-अलग राज्यों में वो राम नाम को साथ लेकर चलने का संदेश देने की कोशिश जरूर कर रही है। तो कुल मिलाकर प्राण प्रतिष्ठा से पहले राम के नाम पर सियासी वार-पलटवार तेज हो गया है। देखना होगा कांग्रेस के इस फैसले का सियासी लाभ बीजेपी कितना उठा पाती है।

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