political parties really give tickets by taking money?

किसका टिकट बिकाऊ…किसका नेता टिकाऊ! क्या वाकई पार्टियां पैसे लेकर टिकट देती हैं?

किसका टिकट बिकाऊ...किसका नेता टिकाऊ! क्या वाकई पार्टियां पैसे लेकर टिकट देती हैं?political parties really give tickets by taking money?

Edited By :   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:05 PM IST, Published Date : May 9, 2022/10:51 pm IST

रिपोर्ट- सौरभ सिंह परिहार, रायपुर: give tickets by taking money क्या पार्टियां पैसे लेकर टिकट देती हैं? ये सवाल इन दिनों सियासी गलियारे में कांग्रेस-भाजपा के बीच बहस का मुद्दा बना हुआ है। दरअसल, भाजपा प्रदेश प्रभारी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस में पैसे लेकर टिकट बांटे जाते हैं। हमारे यहां तो काम करने वालों को टिकट मिलता है। पलटवार में कहा गया कि काश भाजपा विधायकों जैसा गरीब सबको बना दे। आखिर चुनावी कार्यक्रम आने के इतने पहले से इस सवाल पर सियासी जंग क्यों छिड़ी हुई है?

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give tickets by taking money वैसे इस तरह के आरोप लगना नई बात नहीं है। मिशन 2023 की तैयारियों में जुटी भाजपा ने अभी से सत्ताधारी दल पर आरोप लगाकर असंतोष को भुनाने की तैयारी शुरू कर दी है। कांग्रेस ने भी पलटवार कर कई मामले सामने रखकर भाजपा की घेराबंदी कर दी है। 2019 में भाजपा ने लोकसभा चुनाव में अपने सभी सिटिंग सांसदों की टिकट काट दी थी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कहते हैं कि 2023 चुनाव में भी भाजपा विधायकों की टिकट कटने वाले हैं। इसी पर प्रभारी पुरंदेश्वरी ने कहा कि क्या कांग्रेस के पास कोई दिव्य दृष्टि है? साथ ही तंज कसते हुए आरोप लगाया कि कांग्रेस में पैसे वालों को टिकट मिलती है, लेकिन भाजपा में मेहनतकश और योग्य कैंडिडेट को ही टिकट मिलती है।

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वहीं, डी पुरदेंश्वरी के बयान पर कैबिनेट मंत्री कवासी लखमा ने तगड़ा पलटवार करते हुए कहा छत्तीसगढ़ के 70 कांग्रेसी विधायकों के बराबर संपत्ति भाजपा के एक-एक विधायकों के पास है। जबकि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने तंज कसते हुए कहा कि भगवान भाजपा विधायकों जैसा गरीब सबको बनाए।

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अभी ना तो 2023 चुनाव का ऐलान हुआ है, ना ही टिकट वितरण शरू हुआ है। लेकिन ये भी सच है कि टिकट के दावेदारों ने अभी से नेताओं और पार्टी मुख्यालयों की परिक्रमा शुरू कर दी है। रहा सवाल किन्हें पार्टी टिकट देती है ये वक्त आने पर ही पता चलेगा गंभीर मुद्दा ये कि क्या वाकई पार्टियां पैसे लेकर टिकट देती हैं या जनता के बीच सक्रिय नेताओं को?

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