शह मात The Big Debate: सियासत का धान.. खरीदी पर घमासान! तारीख को लेकर बीजेपी-कांग्रेस में बयानों की होड़, आखिर इससे किसानों को होगा कितना फायदा?

सियासत का धान.. खरीदी पर घमासान! तारीख को लेकर बीजेपी-कांग्रेस में बयानों की होड़, Politics heats up again in Chhattisgarh over paddy procurement

शह मात The Big Debate: सियासत का धान.. खरीदी पर घमासान! तारीख को लेकर बीजेपी-कांग्रेस में बयानों की होड़, आखिर इससे किसानों को होगा कितना फायदा?
Modified Date: October 6, 2025 / 11:59 pm IST
Published Date: October 6, 2025 11:38 pm IST

रायपुरः खरीफ सत्र 2025-26 के लिए धान खऱीदी को लेकर प्रदेश के कृषि मंत्री ने नवंबर से खरीदी शुरू होने का संकेत दिया। विपक्ष कहता है कि किसानों से धान 1 नवंबर से ही खऱीदना शुरू किया जाए। कांग्रेस नेताओं ने धान खरीदी को लेकर सरकार की नीयत पर भी सवाल उठाए हैं तो बीजेपी का कहना है कि घोटालेबाज कांग्रेस को हर कोई अपनी तरह ही लगता है।

इस साल छत्तीसगढ़ में धान खरीदी कब से हो इस पर बीजेपी-कांग्रेस में बयानों की होड़ लग गई है। कांग्रेस की मांग है कि किसानों को अगर वाकई राहत देनी है तो धान खरीदी 1 नवंबर से ही शुरु होना चाहिए। कांग्रेस का आरोप है कि पहले ही सरकार ने किसानों को 3100 रू में धान ना खरीदना पड़े, इसके लिए की साजिशें रची। मसलन DAP खाद का संकट पैदा किया, फिर यूरिया सप्लाई रोकी, किसानों की बिना तैयारी एग्री स्टॉक पोर्टल में पंजीयन को अनिवार्य किया जिसके चलते 15 से 20 प्रतिशत किसान रजिस्टर्ड ही नहीं हो पाए।।

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विपक्ष की मांग और आरोप का जवाब दिया प्रदेश के कृषि मंत्री रामविचार नेताम ने कहा कि छत्तीसगढ़ में नवंबर से धान खरीदी होना तय है। सरकार अपना पूरा वादा निभाएगी। 31 रुपए क्विंटल के हिसाब से प्रति एकड़ 21 क्विंटल खरीदेगी । ये तो तय है कि नवंबर में धान खरीदी शुरू होगी। विपक्ष ने सवाल उठाया है तारीख को लेकर प्रदेश सरकार का तर्क है कि इस साल बारिश का क्रम अभी तक जारी है, अनिश्चित्ता है, लेकिन सरकार का वादे के मुताबिक धान खरीदना तय है, तो विपक्ष का आरोप है कि सरकार ने पहले दिन से ही सभी किसानों को वादे के मुताबिक पूरा-पूरा लाभ ना मिले इसके लिए अड़चने पैदा की हैं। कांग्रेस के तेवर बताते हैं कि किसान विरोधी दिखाने की कोशिश करेगी। सवाल है विपक्ष बेवजह धान खरीदी को लेकर सरकार को घेरने का माहौल बना रहा है या वाकई विपक्ष के आरोपों में सच्चाई है?

 

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