रायपुरः छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण के मुद्दे की जो एक बार फिर गरमा गया है। दरअसल कवर्धा में चंगाई सभा की आड़ में कथित धर्मातरण के मामले ने तूल पकड़ लिया तो उधर केशकाल में तालाब की सफाई के दौरान हिंदू और आदिवासी देवी-देवताओं की तस्वीर मिलने पर सियासी पारा हाई हो गया।
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छत्तीसगढ़ के कवर्धा के आदर्श नगर की ये तस्वीर है, जहां धर्मांतरण को लेकर जमकर हंगामा हुआ.. होली किंग्डम स्कूल के फादर और उनकी पत्नी पर VHP ने धर्मांतरण के आरोप लगाए। VHP के मुताबिक बीमारी ठीक करने के बहाने भोले-भाले आदिवासियों को चंगाई सभा की आड़ में धर्म बदलने के लिए मजबूर किया जा रहा है। VHP कार्यकर्ताओं ने करीब 20 लोगों को पकड़ा। VHP के मुताबिक फादर अपने निजी मकान के बंद कमरे में बीमारियों से इलाज के बहाने चंगाई सभा के नाम पर गुप्त रूप से धर्मांतरण करा रहे है। देखते ही देखते बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा हो गए जिससे क्षेत्र में तनाव का माहौल बन गया। पुलिस ने तत्काल मौके पर पहुंचकर भीड़ पर काबू पाया। पुलिस ने फादर उनकी पत्नी और 20 लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है। कवर्धा में कथित धर्मांतरण की इस घटना पर सियासत भी शुरू हो गई। PCC चीफ दीपक बैज ने बीजेपी के राज में धर्मांतरण बढ़ने के आरोप लगाया, जिस पर बीजेपी ने भी पलटवार किया।
कवर्धा में जहां धर्मांतरण को लेकर बवाल मचा तो वहीं केशकाल में तालाब की सफाई के दौरान हिन्दू देवी देवताओं और गोंडवाना समाज के देवताओं की फ़ोटो सफेद कपड़े में तालाब में फेंकी हुई मिली, जिस पर भी बवाल मचा। इसे भी धर्मातरण से ही जोड़कर देखा जाने लगा। विधायक नीलकंठ टेकाम ने मामले की जांच और उचित कार्यवाही की बात कही है। तो दूसरी तरफ PCC चीफ बैज ने इसे धर्मांतरण से जोड़कर देखे जाने से इंकार कर किया। बता दें कि छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण एक संवेदनशील मुद्दा है। आदिवासियों की अपनी संस्कृति, सभ्यता और अलग पहचान है। धर्मातरण के बढ़ते मामलों से आदिवासियों में असुरक्षा की भावना घर कर रही है। वहीं इन विवादों के चलते कानून-व्यवस्था का प्रश्न भी खड़ा हो रहा है। कांग्रेस पार्टी जब सत्ता में थी तब बीजेपी उस पर धर्मांतरण को लेकर निशाना साधा करती थी तो अब कांग्रेस बीजेपी को कटघरे में खड़ा कर रही है।